अगस्त महीने में तीन बार डूबा ऊना, 2.41 करोड़ का नुकसान, पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा चपत
जिला को 2.41 करोड़ का नुकसान, पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा चपत
जिला ऊना में बरसात लगातार कहर बरपा रही है। अगस्त में ही ऊना में तीसरी बार जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। तेजी से विकसित हो रही आवासीय बस्तियां व नदी/नालों पर अतिक्रमण भारी नुकसान पहुंचा रहा है। बुधवार को भारी बारिश से ऊना, अंब व गगरेट में सैकड़ों स्थानों पर जलभराव देखने को मिला। ऊना मुख्यालय पर फ्रेंड्स कालोनी एक बार फिर से पानी में डूब गई। पुराना बस अड्डा चौक, पुराना मिनी सचिवालय भवन, डीसी आवास, कोर्ट परिसर, उद्योग विभाग के कार्यालय में पानी घुस गया। बारिश के चलते स्वां नदी, खड्डें व नाले पूरे उफान पर रहे। बारिश से निर्माणाधीन लोहारली-चुरुडू पुल की मशीनरी सहित अन्य मैटीरियल पानी में बह गया। नया बन रहा पंडोगा-त्यूड़ी पुल पर भी सात कामगार स्वां नदी के उफान में फंस गए, जिनको रेस्क्यू कर लिया गया है। आंकड़ों के अनुसार बारिश के चलते जिला भर में करीब दो करोड़ 40 लाख 83 हजार रुपए का नुकसान आंका गया है।
इस आपदा में जहां एक व्यक्ति की सडक़ हादसे में मौत हुई है, वहीं सार्वजनिक संपत्तियों, मकानों और पशुशालाओं को भी खासा नुकसान पहुंचा है। विभाग को सडक़ें व अन्य ढांचे क्षतिग्रस्त होने से लगभग दो करोड़ 18 लाख रुपए की क्षति उठानी पड़ी है। बारिश से एक पक्का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसका नुकसान 50 हजार रुपए आंका गया है। आठ कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनका नुकसान करीब 2.66 लाख रुपए है। ग्रामीण क्षेत्रों में बने 11 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसमें दो लाख 50 हजार रुपए का नुकसान आंका गया है। जिला के एक स्कूल भवन को हुए नुकसान का आकलन 16 लाख रुपए किया है।