आउटसोर्स भर्ती-ट्रांसपोर्ट विंग बंद करें, पर्यटन निगम पर तरुण श्रीधर की रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम पर राज्य सरकार द्वारा बनाई गई तरुण श्रीधर कमेटी की रिपोर्ट में पर्यटन निगम के ट्रांसपोर्ट विंग को बंद करने और स्टाफ में आउटसोर्स भर्ती न करने की सिफारिश की गई है। यह रिपोर्ट रिटायर अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर ने राज्य सरकार को सौंपी है, जिसका असर अब आगामी वित्त वर्ष से दिखना शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन निगम के लिए मानव संसाधन प्रोफेशनल और कंपीटेंट होना चाहिए। इसीलिए आउटसोर्स के आधार पर लोग भर्ती करने की प्रथा बंद की जाए और तुरंत स्टाफ का युक्तिकरण किया जाए। सिर्फ प्रोफेशनली क्वालिफाइड कर्मचारी ही अनुबंध या रेगुलर बेसिस पर रखे जाएं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन निगम का ट्रांसपोर्ट विंग अब तक 36 करोड़ के घाटे में है, इसलिए इसे डिस्पोज ऑफ कर दिया जाना चाहिए।
इसी तरह का विचार इंजीनियरिंग विंग पर भी करना जरूरी है। चपीटीडीसी एक कंपनी है और इसे कंपनी की तरह ही चलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रबंध निदेशक के पद को और मजबूत करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले कमिश्नर या सेके्रेटरी रैंक के अधिकारी इस पद पर होते थे, लेकिन उसके बाद जूनियर अफसरों की नियुक्ति भी होने लगी। जूनियर अधिकारी भी कंपीटेंट हैं, लेकिन इन्हें अपनी बात आगे मनवाने के लिए मुश्किल आती है। अपनी रिपोर्ट में तरुण श्रीधर ने कहा है कि होटल रूम टैरिफ पर दोबारा विचार की जरूरत है। पर्यटन निगम को बल्क रूम्स बुकिंग के लिए कोशिश करनी चाहिए। निगम की फ्लैगशिप यूनिट्स के लिए प्रोफेशनल एजेंसी को भी प्रचार के लिए हायर किया जा सकता है।