इंजेक्शन को लेकर झूठ बोलने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इंजेक्शन न मिलने से हुई देवराज शर्मा की मौत मामले में जिन भी अधिकारियों ने घटिया साजिश रचकर पीड़ित परिवार पर उंगली उठाई और उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया, उनके खिलाफ मुख्यमंत्री सख्त से सख्त कार्रवाई करें। ऐसे लोग असंवेदनहीनता की हद पार कर चुके हैं और इस लायक नहीं हैं कि ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर रहें। ऐसे लोग अपनी साख बचाने के लिए अपने पिता को खो चुके बच्चों के साथ अपराधिक साजिश रच रहे हैं। अपने मातहतों से झूठ बुलवाकर एक ऐसे परिवार को बदनाम कर रहे हैं जिसने सरकार और उन अधिकारियों की नाकामी के चलते एक महीनें पहले अपने परिवार का अभिभावक खो दिया है।
समय पर दवा न देकर सरकार ने एक घोर पाप किया ही था, लेकिन परिजनों पर उंगली उठाकर सरकार ने और भी जघन्य काम किया है। पीड़ित परिवार का पक्ष सरकार ने भी अखबारों में पढ़ लिया है, इलेक्ट्रॉनिक युग में किसी भी तथ्य को आसानी से बदला नहीं जा सकता है। सरकार अगर चाहेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ऐसे में न्याय का तकाजा यही है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच हो और पीड़ित परिवार के खिलाफ साजिश करने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई हो। अगर इस मामले की जांच में मुख्यमंत्री ने तत्परता नहीं दिखाई तो प्रदेश के लोगों के सवालों के घेरे में वह खुद भी आएंगे।
सरकार जो इस बात का एहसान जाता रही है कि उन्होंने मरीज को एक लाख 79 हजार रुपए का इलाज करवाया तो यह सरकार ने कोई एहसान नहीं किया। उस परिवार ने हिम केयर का प्रीमियम भरा था और उस प्रीमियम के बदले हिमाचल प्रदेश सरकार ने उससे एक साल की समयावधि में पूरे परिवार को पांच लाख के निःशुल्क इलाज की गारंटी दी थी। यह एक ‘स्टेट’ की उसके नागरिक को दी गई