छोटे बिजली उत्पादकों को बड़ी राहत की तैयारी, सालों से लटके प्रोजेक्टों को मिलेंगी सांसें
सालों से लटके प्रोजेक्टों को मिलेंगी सांसें, 30635 करोड़ का निवेश आएगा
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने लटके पड़े बिजली प्रोजेक्टों को सांसें देने की योजना बनाई है। सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र के उत्थान के लिए एक सब कमेटी बनाई गई थी जिसे सिफारिशों को सरकार ने मान लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि इन सिफारिशों के आधार पर 25 मेगावाट से कम के प्रोजेक्टों के लिए विशेष ऊर्जा नीति लाई जाएगी। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई, जिसमें सामने आया कि पिछले दो साल में यहां एक भी परियोजना तैयार नहीं हो पाई है। सुक्खू सरकार ने एक कैबिनेट सब कमेटी जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बनाई है, जिसने पूरे मामले का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट मंत्रिमंडल को सौंपी। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि 25 मेगावाट क्षमता तक के कुल 700 से ज्यादा प्रोजेक्ट अधर में है जिन पर काम नहीं हो पाया है। इन परियोजनाओं में निवेश हो जाता तो राज्य में 30,635 करोड़ रूपए का निवेश आता। इन परियोजनाओं की क्षमता 2785 मेगावाट की है जिसका दोहन यहां पर हो सकता है।
इसके साथ कमेटी की सिफारिशों में बताया गया है कि एक लाख 88 हजार 300 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इन परियोजनाओं में रोजगार मिल सकता है और प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद 17200 लोगों को स्थायी रोजगार यहां पर रहेगा। बताया जाता है कि जो सिफारिशें सब कमेटी ने दी है उसमें लघु बिजली प्रोजेक्टों के लिए विशेष पॉलिसी बनाने के लिए कहा है। इनके लिए सरकार अलग से पॉलिसी बनाएगी जिसका फैसला मंत्रिमंडल ने ले लिया है। इसमें सबसे बड़ी सिफारिश इनकी मांग पर यही की गई है