पीडब्ल्यूडी को 22 दिन में पास करवाने होंगे 15 रोड, नाबार्ड ने दी है 30 दिन की मोहलत
नाबार्ड ने दी है 30 दिन की मोहलत, 13 फरवरी तक लेनी होगी एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन
पीडब्ल्यूडी को नाबार्ड से मंजूर सडक़ों को आगामी 22 दिन में पास करवाना होगा। अब 15 सडक़ों की फाइल पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के पास जाएगी। यहां से एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन (एडीएस) मिलने के बाद ही नाबार्ड टेंडर की अनुमति देगा। नाबार्ड ने 162 करोड़ 97 लाख रुपए के इन प्रोजेक्ट को 14 जनवरी को मंजूरी दी है। इसके साथ ही विभाग को निर्देश दिए हैं कि एक माह के दरम्यान विभाग को औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। इनमें सबसे बड़ी औपचारिकता एडीएस की है। जब तक पीडब्ल्यूडी से एडीएस नहीं मिल जाती, नाबार्ड इन सडक़ों के निर्माण की इजाजत नहीं देगा। दरअसल, नाबार्ड में सडक़ों का बजट ऋण के आधार पर मिलता है और इसमें 90:10 के अंतर से राज्य सरकार की हिस्सेदारी रहती है। 90 फीसदी बजट ऋण के माध्यम से आएगा, जबकि इसका 10 फीसदी हिस्सा हिमाचल सरकार को खर्च करना पड़ेगा। 16 करोड़ 29 लाख रुपए राज्य की हिस्सेदारी है, जबकि 146 करोड़ 68 लाख रुपए ऋण के तौर पर पीडब्ल्यूडी को मिलेंगे।
इसी वजह से एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन (एडीएस) को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए नाबार्ड ने 30 दिन की मोहलत तय की है। यदि इस अवधि में एडीएस नहीं मिल पाया, तो नाबार्ड इस मंजूरी को रद्द कर सकता है। विभाग को अब तक नाबार्ड से करीब 457 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर हो चुकी है। इस धनराशि से हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में 50 सडक़ों और पुलों का निर्माण होना है। नाबार्ड ने सितंबर माह में 35, जबकि जनवरी माह में 15 सडक़ों को मंजूरी दी है। 14 जनवरी को मिली इस मंजूरी में 162 करोड़ 97 लाख रुपए से ज्यादा की