बद्दी की फार्मा कंपनी जांच के घेरे में, यूपी में नशीली दवाएं बरामद होने पर जांच एजेंसियों की नजर
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित नगला मेवाती क्षेत्र में छापेमारी के दौरान नशीली दवाओं की बड़ी खेप मिलने के मामले में बद्दी की एक फार्मा कंपनी जांच के घेरे में आ गई है। बता दें कि हाल ही में यूपी में एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स, ड्रग विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने नशे के लिए दुरुपयोग होने वाली दवाओं की बड़ी खेप बरामद की थी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि जब्त की गई दवाएं बद्दी स्थित दवा उद्योग में निर्मित की गई हैं। इस मामले में सोलन की एक फार्मा कंपनी पर भी जांच एजेंसियों की नजर है। जानकारी के मुताबिक जब्त दवाओं में चार प्रकार की मादक दवाएं शामिल हैं, जिनमें नींद लाने वाली और दर्द निवारक गोलियां हैं। ये दवाएं सामान्यत: डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं बेची जा सकतीं, लेकिन इन्हें अवैध रूप से नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
उत्तर प्रदेश की जांच एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि इन दवाओं को बिना बिल और बेहद सस्ते दाम पर खरीदा गया था और इन्हें नशे के आदी लोगों को बेचने की तैयारी थी। यह एक सुनियोजित काली कमाई का धंधा था, जिसमें कंपनियों और अवैध तस्करों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि एक ड्रग इंस्पेक्टर को आगरा में जब्त दवाओं के बैचों की बिक्री से जुड़ा रिकार्ड खंगालने के निर्देश दिए गए हैं। कंपनियों से भी बिक्री का ब्योरा मांगा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये दवाएं बिना वैध दस्तावेजों के वहां तक कैसे पहुंचीं। उन्होंने बताया कि दस सैंपल लिए गए है, जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।