मदरसे बंद करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
मिलती रहेगी फंडिंग, सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर नहीं होंगे बच्चे
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मदरसों को लेकर दो फैसले देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों के सरकारी मदरसों को बंद करने के फैसले पर रोक लगा दी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सात जून और 25 जून को राज्यों को इससे संबंधित सिफारिश की थी। केंद्र ने इसका समर्थन करते हुए राज्यों से इस पर एक्शन लेने को कहा था। इस फैसले के बाद देश भर के मदरसों को भी सरकार की ओर से मिलने वाली फंडिंग जारी रहेगी। दूसरे फैसले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार के उस आदेश पर भी रोक लगाई, जिसमें मदरसों में पढऩे वाले छात्रों को सरकारी स्कूल में ट्रांसफर करना था। इसमें गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के साथ-साथ सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में पढऩे वाले गैर-मुस्लिम छात्र शामिल हैं।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बैंच ने केंद्र सरकार, एनसीपीसीआर और सभी राज्यों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा। गौर हो कि एनसीपीसीआर ने शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं करने पर सरकारी वित्त पोषित और सहायता प्राप्त मदरसों को मिलने वाली धनराशि रोकने की मांग की थी।