यूक्रेन युद्ध खत्म कराना ट्रंप के लिए चुनौती, पुतिन या जेलेंस्की किसे मिलेगा अमेरिका का साथ
दो साल से ज्यादा समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी की भागेदारी हमेशा से ही अहम रही है। बाइडन के कार्यकाल में यूक्रेन को साथ मिला, लेकिन अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा किए गए वादे के अनुसार क्या उनके लिए आसान होगा इस संघर्ष खत्म कराना
रूस व यूक्रेन संभावित बातचीत से पहले वार्ता की मेज पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए युद्ध के मैदान में बढ़त बना लेने के प्रयास में जुटे हैं। रूसी सेना पिछले साल लगातार यूक्रेनी सुरक्षा बलों को धकेलती हुई आगे बढ़ती रही है। वह पूर्व व दक्षिण के चार क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है। रूस ने युद्ध की शुरुआत में जबरन इन क्षेत्रों का विलय कर लिया था, लेकिन वह कभी पूरी तरह से कब्जा नहीं कर पाया है। वह यूक्रेन के ऊर्जा नेटवर्क एवं अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को कमजोर करने की कोशिश में ताबड़तोड़ मिसाइलें व ड्रोन दाग रहा है।
दूसरी तरफ, यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में अपनी पैठ का विस्तार करने की कोशिश की है। यूक्रेन ने रूसी तेल केंद्रों व मॉस्को की युद्ध मशीन के लिए महत्वपूर्ण अन्य प्रमुख लक्ष्यों को मिसाइलों व ड्रोनों से निशाना बनाया है। दोनों ही पक्षों ने वार्ता के सिलसिले में ऐसा रूख अपना लिया है, जहां समझौते की गुजाइंश बहुत कम बची है।
इस बीच, चुनाव प्रचार के दौरान महज 24 घंटे के अंदर युद्ध रुकवा देने का दावा करने वाले ट्रंप ने माह की शुरुआत में समयसीमा बदल दी है।