शानन में अब तीसरे राज्य की एंट्री, हिमाचल ने क्या स्टैंड लिया जानिए
हिमाचल ने खारिज की मांग; शानन ट्रांसफर टेरिटरी नहीं, अभी पंजाब भी नहीं दे पाया है प्रदेश के तर्क का जवाब
हिमाचली अफसरों की मानें, केस को उलझाने बीच में आया हरियाणा
मंडी जिला के जोगिंद्रनगर स्थित शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में अब पंजाब के साथ पड़ोसी राज्य हरियाणा भी कूद गया है। हरियाणा ने तर्क दिया है कि वह पंजाब रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट का हिस्सा रहा है, इसलिए उनकी बात भी इस विवाद में सुनी जाए। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हालांकि हिमाचल ने हरियाणा की इस मांग को अनुचित बताते हुए कहा कि शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट एरिया कभी भी ट्रांसफर टेरिटरी का हिस्सा नहीं रहा है, इसलिए हरियाणा का इसमें कोई लोकस स्टैंडआई नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए जनवरी में केस सुनने को कहा। गौरतलब है कि बीबीएमबी एरिया मामले में भी पंजाब और हरियाणा हिमाचल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हैं।
अब के देख रहे हिमाचल के अधिकारियों को लग रहा है कि शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट मामले में हरियाणा को सिर्फ केस उलझाने के लिए बीच में लाया गया है। इससे पहले इस केस में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार की याचिका के आधार को ही रद्द करने का आवेदन डाला हुआ है। हिमाचल ने क्लेम किया है कि शानन पावर प्रोजेक्ट का एरिया पंजाब से ट्रांसफर हुई टेरिटरी में नहीं आता, इसलिए इस क्षेत्र में पंजाब री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट लागू नहीं होगा। इसी एक्ट के आधार पर पंजाब ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के 131वें अनुच्छेद के तहत याचिका दायर की थी। हिमाचल सरकार ने सिविल प्रोसीजर कोड के आर्डर 07 रूल 11 के तहत पंजाब की इस याचिका के औचित्य पर सवाल उठाए।