शिमला रोप-वे के लिए केंद्र, प्रदेश सरकार और न्यू डिवेलपमेंट बैंक के बीच होगा समझौता
शंघाई में दिसंबर में होगी प्रेजेंटेशन, मार्च से शुरू होगा काम, एनडीबी की एडवांस एग्रीमेंट को मंजूरी
शिमला रोप-वे प्रोजेक्ट के लिए तीन पक्षों में एग्रीमेंट होगा। दिसंबर में शंघाई में एनडीबी इसको लेकर एक वर्कशॉप रख रहा है, जहां पर हिमाचल प्रदेश के अधिकारी प्रेजेंटेशन देंगे। मार्च तक इस रोप-वे का काम शुरू करना है, जिसकी टेंडर की प्रक्रिया इसी महीने शुरू की जा रही है। ग्लोबल टेंडर में समय लगता है। माना जा रहा है कि फरवरी तक यह प्रक्रिया निपट जाएगी, मगर इससे पहले तीन पक्षों में एग्रीमेंट जरूरी है। राजधानी शिमला में विश्व का दूसरा और भारत व एशिया का सबसे लंबा रोपवे बनाया जाना प्रस्तावित है। वर्ष 2026 तक इसे पूरा करना है। न्यू डिवेलपमेंट बैंक (एनडीबी) पहले ही अग्रिम टेंडर लगाने की मंजूरी दे चुका है। इसको लेकर जल्द ही तीन पक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। हिमाचल सरकार, न्यू डिवेलपमेंट बैंक और भारत सरकार के बीच यह एमओयू होगा। 10 दिसंबर को शंघाई में इसको लेकर बैठक आयोजित होने जा रही है। इसमें हिमाचल रोपवे को लेकर अपना प्रस्तुति देगा। शिमला में बनने वाले इस रोपवे को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद समय-समय पर इस परियोजना की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि इसे जल्द जमीन पर उतारा जा सके। देश में यह अपनी तरह का विशेष रोप-वे होगा। तारादेवी से शिमला के बीच बनने वाले इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण पर 1734.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे से शहर के 15 स्टेशन जुड़ेंगे। रोपवे कारपोरेशन पहली मार्च, 2025 से इसका काम शुरू करने की तैयारी में है। इस रोपवे के बन जाने के बाद लोग 12 से 15 मिनट के भीतर 13.79 किलोमीटर का सफर तय कर