सफेदा, पापुलर, बांस काटने की अनुमति, सालभर में केवल इतने पेड़ ही काट सकेंगे लोग
प्रदेश सरकार ने वन विभाग को दिए निर्देश
प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों के पेड़ों को छोडक़र शेष पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया हैं। हालांकि घरेलू व कृषि उपयोग के लिए तीन प्रजातियों के तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर काटे जा सकते है। इन तीन प्रजातियों में सफेदा, पापुलर और बांस शामिल है। खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। पेड़ों के कटान को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से वन विभाग ने आदेश जारी किए है। इन आदेशों के तहत अब तीन किस्म के पेड़ ही वन विभाग की अनुमति के बिना काटे जा सकते है। पहले 13 प्रजाति के पेड़ों को बिना अनुमति काटे जाने की अनुमति दी गई थी। खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति वर्ष में घरेलू उपयोग के लिए तीन से अधिक पेड़ नहीं काट पाएगा। नए आदेशों के तहत राज्य में अब सफेदा, पापुलर व बांस प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है।
पेड़ कटान के लिए अधिकारियों की अनुमति देने की सीमा भी तय की गई है। इसके अनुसार एक वर्ष में 200 पेड़ काटने तक की अनुमति डीएफओ दे सकेंगे। एक वर्ष में 300 तक पेड़ काटने के लिए मुख्य अरण्यपाल व अरण्यपाल वन, 400 पेड़ काटने के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल तथा 400 से अधिक पेड़ काटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी होगी। अन्य प्रजातियों के पेड़ों को बेचने व कटान की अनुमति प्रधान मुख्य अरण्यपाल द्वारा प्रदान की जाएगी, जिसके लिए सीमा एवं वृक्षों को चिन्हित किया जाएगा। घरेलू, कृषि व बेचने के लिए वृक्ष काटने वाले व्यक्ति को इसके बदले तीन पेड़ों का रोपण करना होगा। यदि फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं तो उसके लिए बागबानी विभाग की तरफ से तय मापदंड का