हरियाणा लैंड डील केस में रॉबर्ट वाड्रा का ईडी को जवाब
प्रमुख बिंदु:
दूसरा समन और पूछताछ
15 अप्रैल को ईडी कार्यालय पहुंचे: वाड्रा ने गुरुग्राम स्थित ईडी दफ्तर में पैदल प्रवेश किया, जहां 10+ घंटे की पूछताछ हुई।
पिछला इतिहास: पिछले 20 वर्षों में 15 बार जांच एजेंसियों के समन का सामना कर चुके हैं।
मामले का सार
लैंड डील: 2008 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव का 3.5 एकड़ प्लॉट ₹7.5 करोड़ में खरीदा और 2011 में डीएलएफ को ₹58 करोड़ में बेचा।
आरोप: ED को संदेह है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा था।
वाड्रा का रुख
राजनीतिक प्रतिशोध: “सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है। मैंने 23,000 दस्तावेज जमा किए, फिर भी जांच जारी है”।
राजनीति में प्रवेश का संकेत: “लोग चाहते हैं कि मैं सक्रिय राजनीति में आऊं”।
कांग्रेस का समर्थन
नारेबाजी: वाड्रा के ईडी पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
आरोप-प्रत्यारोप: कांग्रेस ने मामले को “राजनीतिक प्रताड़ना” बताया।
मुख्य विवाद:
2011 में आरोप: अरविंद केजरीवाल ने डीएलएफ से ₹65 करोड़ के “मुक्त कर्ज” और जमीन डील का आरोप लगाया था।
2018 में FIR: सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर गुड़गांव पुलिस ने केस दर्ज किया।
वाड्रा का बयान:
“मैं हर हमले का जवाब दूंगा। बीजेपी ईडी का इस्तेमाल कर मुझे डराना चाहती है, लेकिन मैं नहीं डरता”।