हिमाचल में छह ईको टूरिज्म साइट को ग्रीन सिग्नल
कुल्लू के कैसधार, कसोल, बिंद्रावानी, सोलंगनाला, सूमारोपा संग बीड़ बिलिंग साइट होगी विकसित
हिमाचल में पर्यटक अब प्रकृति के और ज्यादा करीब होंगेे। वन विभाग ने ईको टूरिज्म के तहत छह साइट को विकसित करने को मंजूरी दे दी है। जिन साइट को विकसित करने की मंजूरी ईको टूरिज्म सोसायटी ने दी है, उनमें सबसे ज्यादा कुल्लू में हैं और इसमें कांगड़ा का बीड़ बिलिंग इलाका भी शामिल है। आगामी दस सालों तक निजी हाथों में इन साइट को दिया जाएगा। छह ईको टूरिज्म साइट कुल्लू के कैसधार और कसोल, बिंद्रावानी, बीड़ बिलिंग, सोलंगनाला और सूमारोपा में विकसित की जाएंगी। इससे पहले सभी छह ईको टूरिज्म साइट्स की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, जबकि इन साइट के आबंटन के लिए सरकार की सहमति लेना बाकी था। अब ईको टूरिज्म सोसाइटी ने भी अधिकारिक तौर पर इसकी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब फोरेस्ट क्लीयरेंस के बिना ईको टूरिज्म साइट को विकसित करने की गतिविधियां पूरी की जा सकेंगी। साइट को विकसित करने वाले जंगल के बीच पक्का स्ट्रक्चर नहीं बना पाएंगे। वन विभाग आगामी दस साल के लिए इन साइट को प्रदान करेगा। खास बात यह है कि इन प्रोजेक्ट के माध्यम से वन विभाग के विश्राम गृह को विकसित किया जाएगा। विश्राम गृह जिन हालात में हैं, उनमें सुधार लाने के साथ ही अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों को नियुक्ति दी जाएगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन विकसित होंगे और आर्थिकी में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
अतिरिक्त प्रधान सचिव (वन) केके पंत की अध्यक्षता में मंगलवार को ईको टूरिज्म सोसायटी की 16वीं बैठक में ईको टूरिज्म साइट को आबंटित करने पर मुहर लगाई गई है