हिमाचल में फल उत्पादन छह लाख मीट्रिक टन के पार, 2.36 लाख हेक्टेयर भूमि पर की जाती है बागबानी
राज्य की अर्थव्यवस्था में बागबानी क्षेत्र का 4476 करोड़ रुपए का योगदान, 2.36 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागबानी
प्रदेश सरकार के नवाचार प्रयासों से राज्य में बागबानी क्षेत्र का विस्तार भी हुआ है। वर्तमान में राज्य में लगभग 2.36 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागबानी गतिविधियां की जाती है, जिसमें 6.38 लाख मीट्रिक टन फलों का उत्पादन होता है। बागबानी क्षेत्र प्रदेश के राजस्व में लगभग 4476 करोड़ रुपए का वार्षिक योगदान दे रहा है इससे लगभग दस लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। विगत दो वर्षों में प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के फलस्वरूप राज्य में फल उत्पादन में वृद्धि हुई है। प्रदेश में 25,829 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन, 4,081 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन दर्ज किया गया है और 659 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती की गई है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 8,085 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को फलों की खेती के अंतर्गत लाया गया है। प्रदेश में नर्सरियों में फलों की गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार की जा रही है। नर्सरियों में 25.12 लाख फलों के पौधे तैयार किए और 27.64 लाख से अधिक पौधे बागबानों को वितरित किए गए हैं।
बागवानों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौधे प्रदान करने के लिए 226 नर्सरियां और 160 बड वुड बैंक हिमाचल प्रदेश फल नर्सरी पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2015 के तहत पंजीकृत किए गए हैं। प्रदेश में पौध संरक्षण दवाओं पर 13.64 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और फलदायी पौधों के संरक्षण के लिए 288.55 मीट्रिक टन दवायें फल उत्पादकों को उपलब्ध करवाई गई। प्रदेश के 1,195 हेक्टेयर बागवानी भूमि अब जैविक कीट नियंत्रण से लाभान्वित हो रही है