हिमाचल में लगेंगे 48 नए ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, तबाही से पहले होंगे अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने की राडार नेटवर्क बढ़ाने में प्रदेश सरकार के सहयोग की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के दौर में चुनौतियों से निपटने की सीख समूचे देश को दी है। नरेंद्र मोदी के संबोधन के लिए मंच हिमाचल में भी सजा था। यहां मौसम विज्ञान केंद्र में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मौसम वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के महत्व के बारे में जानकारी दी और आपदा के समय विभाग के कार्य और राज्य में राडार के नेटवर्क बढ़ाने में राज्य सरकार के सहयोग की सराहना की। उन्होंने बताया कि भविष्य में हिमाचल में 48 नए ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) लगाए जा रहे हैं, जिनके डाटा को भारत मौसम विज्ञान विभाग के डाटा के साथ एकीकृत किया जाएगा। इससे मौसम के पूर्वानुमान में और सटीकता आएगी।
इसके साथ-साथ उन्होंने सभी को मौसम विभाग के बनाए मौसम ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने पर बल दिया। इस मौके पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतुल डोगरा ने बताया कि राज्य में केंद्र सरकार के विंडस प्रोग्राम के अंतर्गत अवलोकन नेटवर्क को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। इससे राज्य के किसानो और बागबानों को मौसम संबंधी सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने में सुगमता होगी। प्रधान वैज्ञानिक डा. संजीव शर्मा ने बताया कि सीपीआरआई कैंपस में स्थापित मौसम वेधशाला का डाटा और मौसम विभाग के जारी पूर्वानुमान का उपयोग कर किसानों को आलू की फसल से संबंधित चेतावनी और सलाह जारी की जाती है।