हिमाचल में सडक़ का इंतजार कर रहे हजारों ग्रामीणों के लिए सुखद खबर, सडक़ से जुड़ेंगे 1200 गांव
पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली भेजा डाटा, 200 सडक़ों के चयन पर लगा ऑब्जेक्शन
हिमाचल में सडक़ का इंतजार कर रहे हजारों ग्रामीणों के लिए सुखद खबर है। राज्य में सडक़ से जुडऩे वाली बस्तियों का अंतिम आंकड़ा 1200 को पार कर गया है। हालांकि 200 से ज्यादा सडक़ों पर ऑब्जेक्शन भी लगे हैं, जिन्हें पीडब्ल्यूडी भविष्य में दूर करेगा। केंद्र सरकार ने 31 जनवरी तक सभी राज्यों को ग्राम सडक़ सर्वे ऐप पर उन बस्तियों को डाटा अपलोड करने के आदेश दिए थे, जहां अभी तक सडक़ नहीं पहुंच पाई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तय किया था कि 31 जनवरी के बाद ऐप पर डाटा अपलोड नहीं हो सकेगा। हिमाचल ने तय समय के दौरान यह कामयाबी हासिल की है। राज्य से 1200 सडक़ों के निर्माण का डाटा इस समय केंद्र सरकार तक पहुंच गया है और भविष्य में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में इन सडक़ों का निर्माण पूरा होगा। पीएमजीएसवाई में हिमाचल को 3000 किलोमीटर सडक़ निर्माण का अवसर मिल सकता है।
इसके अलावा करीब डेढ़ हजार किलोमीटर पुरानी सडक़ों का रखरखाव पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में होगा। हिमाचल पीएमजीएसवाई के इस प्रोजेक्ट में पहली मर्तबा 5000 करोड़ रुपए के आंकड़े के छू सकता है, जो अब तक सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। हालांकि पीडब्ल्यूडी को यह बजट पांच साल में खर्च करना होगा। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना का चौथा चरण 2029 तक पूरा होगा। पीएमजीएसवाई के चौथे चरण की शुरुआत में ही पीडब्ल्यूडी ने सबसे पहले 700 गांवों की तलाश की थी, लेकिन नई गाइडलाइन आने के बाद इस आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने बर्फ से ढके रहने वाले इलाकों को दूरवर्ती बस्तियों में शामिल किया है ।