असर रिपोर्ट में हुआ खुलासा, हिमाचल के 82.8 फीसदी स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं
असर रिपोर्ट में हुआ खुलासा; 15 प्रतिशत विद्यालयों में सुविधा, पर छात्र नहीं कर पा रहे प्रयोग
प्रदेश के स्कूलों में छठी कक्षा से कम्प्यूटर शिक्षा देने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी भी बच्चे डिजिटल एजुकेशन से काफी दूर हैं। हिमाचल का लर्निंग लेवल भले ही अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर हो, लेकिन अभी कुछ अन्य सुविधाओं से बच्चे महरूम हैं। हिमाचल के लिए जारी हुई असर रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसमें सामने आया है कि 82.8 फीसदी स्कूलों में अभी भी कम्प्यूटर सुविधा बच्चों के लिए नहीं है। आज के डिजिटल युग में यह आंकड़ा काफी बड़ा है। वर्ष 2010 में यह आकड़ा 93.3 फीसदी था। वर्ष 2022 में 88.7 था।
इसके साथ ही 15 फीसदी स्कूलों में कम्प्यूटर तो उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चे इनका प्रयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों को कम्प्यूटर एजुकेशन देने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में सरकार को इस बात पर फोकस करने की जरूरत है कि यदि छठी कक्षा से स्कूलों में कम्प्यूटर विषय को शुरू करना है, तो सबसे पहले कम्प्यूटर को प्रैक्टिकल के लिए स्कूलों में उपलब्ध करवाना होगा। शिक्षा नीति में कक्षा छह से छात्रों के लिए कम्प्यूटर शिक्षा और कोडिंग का प्रावधान रखा है, लेकिन हिमाचल में अभी इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
लाइब्रेरी की यह स्थिति
स्कूलों में लाइब्रेरी को पब्लिक लाइब्रेरी के तौर पर यूज करने की बात कही जा रही है। असर रिपोर्ट में सामने आया है कि 3.8 फीसदी स्कूलों में अभी भी लाइब्रेरी नहीं है। इसके साथ ही 63.7 फीसदी स्कूलों में लाइब्रेरी तो है, लेकिन बच्चे उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हाल ही में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने स्कूल प्रिंसीपल को ये निर्देश जारी किए हैं