एचआरटीसी ड्राइवर-कंडक्टर कर रहे क्लर्क का काम
एचआरटीसी ड्राइवर-कंडक्टर कर रहे क्लर्क का काम
प्रबंधन के पास पहुंचा दफतर और फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों का डाटा
जिस काम के लिए कर्मचारी की भर्ती हुई उससे वही काम करवाने के मामले में एचआरटीसी प्रबंधन अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है। सूत्रों के अनुसार फील्ड से उसके पास पूरा डाटा आ गया है कि कितने कर्मचारी कौन सी श्रेणी के दफतरों में काम कर रहे हैं, तो और कितने फील्ड में हैं। पिछले दिनों यह घोषणा की गई थी कि दफतरों से कर्मचारियों को फील्ड में लगाया जाएगा परंतु इस पर कुछ भी नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को निदेशक मंडल की जो बैठक होने जा रही है उसमें इस मामले पर भी चर्चा हो सकती है। क्योंकि प्रबंधन ने इसकी पूरी जानकारी जुटा ली है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। सूत्रों की मानें तो यदि दफतरों से कर्मचारियों को फील्ड में उतार दिया जाता है, तो दफतरों का कामकाज प्रभावित हो जाएगा इन पदों के लिए एचआरटीसी नई भर्तियां भी नहीं कर सकता क्योंकि पहले से उसके पास काफी संख्या में कर्मचारी हैं। अब फील्ड का काम भी उनसे लेना पड़ता है दफतरों का काम भी वही कर रहे हैं। ऐसे में यह मामला कहीं न कहीं अटका हुआ ही दिख रहा है।
वैसे एचआरटीसी की कर्मचारी यूनियनों ने भी इस बात का समर्थन जरूर किया है लेकिन उनका भी कहना यही है कि यदि दफतरों में इन वर्गों से काम नहीं लिया जाएगा तो वहां का काम कौन करेगा। ऐसे में निगम प्रबंधन इस मामले में कैसे बड़ा फैसला ले सकता है। इन दिनों निगम ने अपने ड्राइवर व कंडक्टरों को टिकट खिड़कियों के अलावा एनसीपीसी कॉर्ड बनाने में भी लगाया है। इसके अलावा दफतरों में क्लर्की का काम भी कई ड्राइवर व कंडक्टर ही कर रहे हैं । ऐसे करीब 500 से ज्यादा कर्मचारी हैं,