कागज से पतला होगा मोबाइल, टूटने का डर भी खत्म, आईआईटी मंडी ने विकसित किया खास 2डी मटीरियल
आईआईटी मंडी ने विकसित किया खास 2डी मटीरियल, ग्रैफीन से बदल जाएगी मानवीय जीवन शैली
गिरने से मोबाइल फोन टूटने की चिंता अब खत्म होने वाली है। मोबाइल कागज से भी पतला हो जाएगा। एलईडी टीवी आपके पर्स में समा जाएगा। एक चिप को शरीर पर लगाए जाते ही शरीर की हर हरकत का पता चल जाएगा और पहने हुए कपड़ों पर ही सोलर पैनल फि ट होकर लाइट का इंतजाम कर देंगें। नेक्सट जनरेशन का संसार बिल्कुल हमारी कल्पना से परे होने वाला है। इसमें कोई इलेक्ट्रॉनिकस डिवाइस टूटेगा ही नहीं। मंडी आईआईटी का शोध उस मटीरियल कि खोज करने में सक्षम हुआ है, जिसके सहारे मानवीय जीवन शैली ही बदल जाएगी। ग्रैफीन नाम का एक पतला 2डी मैटीरियल अपने अद्वितीय गुणों के कारण अगली जनरेशन के फोटोडिटेक्टर, सेंसर, सुपरकैपेसिटर और फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए आधार के रूप में माना जाता है। हालांकि, ग्रैफीन और अन्य 2डी मटीरियल्स के इस्तेमाल में कई कठिनाइयां हैं।
मंडी आईआईटी के पिछले चार वर्षों के अध्ययन में यह देखा गया कि डब्ल्यूएस-2 जैसी पतली 2डी सामग्रियों में ऑक्सीकरण और डिग्रेडेशन होता है, जिससे उपकरण की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसके अलावा पारंपरिक ट्रांसफर तकनीकें अकसर इन नाजुक मोनोलेयर परतों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे परतों का फिसलना, कमजोर चिपकाव और ऑप्टिकल या इलेक्ट्रिकल गुणों की हानि होती है। हालांकि अब इसका हल निकाल लिया गया है। इस शोध का नेतृत्व प्रो. विश्वनाथ बालकृष्णन ने किया। साथ में यदु चंद्रन, डा. दीपा ठाकुर और अंजलि शर्मा भी शामिल रहे। इस शोध में वॉटर-मीडिएटिड, नॉन-डिस्ट्रक्टिव ट्रांसफ र मैथड का उपयोग किया गया,