8.6 C
New York
November 21, 2024
NationNews
Home » Blog » कोचिंग रिटर्न देने वाला एक समृद्ध उद्योग बन गया है – श्री जगदीप धनखड़
Latest News

कोचिंग रिटर्न देने वाला एक समृद्ध उद्योग बन गया है – श्री जगदीप धनखड़

कोचिंग रिटर्न देने वाला एक समृद्ध उद्योग बन गया है – श्री जगदीप धनखड़


कोचिंग कल्चर किसी ‘गैस चैंबर’ से कम नहीं रह गया है- श्री जगदीप धनखड़

कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबारों के विज्ञापनों पर किए जा रहे भारी-भरकम खर्च की जांच की जानी चाहिए- श्री जगदीप धनखड़

श्री जगदीप धनखड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि चैंबर में चर्चा के लिए सभापति के अनुरोध को सदन के नेताओं द्वारा अस्वीकार और बहिष्कार करना संसदीय मर्यादा को कमजोर करता है और यह पहले कभी नहीं देखा गया।

राज्यसभा में दिल्ली के कोचिंग सेंटर में यूपीएससी अभ्यर्थियों की मृत्यु पर चर्चा हुई

प्रविष्टि तिथि: 29 JUL 2024 4:50PM by PIB Delhi

राज्यसभा में आज दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में जलभराव के कारण यूपीएससी अभ्यर्थी की दुखद मृत्यु पर राज्यसभा के नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई। चर्चा की अनुमति देते हुए राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धाखड़ ने टिप्पणी कीमुझे लगता है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित करना अति आवश्यक है। मैंने पाया है कि कोचिंग अब व्यापार बन गया है।”

श्री धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबार के विज्ञापनों पर किए जाने वाले भारी खर्च पर भी चिंता व्यक्त कीजो छात्रों से ली जाने वाली भारी फीस से किया जाता है। उन्होंने कहाकोचिंग उच्च रिटर्न के साथ एक समृद्ध उद्योग बन गया है….हर बार जब हम अखबार पढ़ते हैं तो पहले एक या दो पन्नों में कोचिंग विज्ञापन जरूर होते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “विज्ञापन पर खर्च किया गया एकएक पैसा छात्रों की फीस से  रहा हैहर नई इमारत छात्रों से  रही है।

कोचिंग कल्चर के कारण देश में बनाए गए साइलो की तुलना गैस चैंबर्स‘ से करते हुए सभापति ने कहाहमारे देश में जहां अवसर बढ़ रहे हैंऐसे साइलो बड़ी समस्या बन रहे हैं… ये किसी गैस चैम्बर से कम नहीं हैं। उन्होंने सदन के सदस्यों से युवाओं के लिए देश में उपलब्ध रोजगार और कौशल विकास के विभिन्न अवसरों के बारे में जागरूक करने का आग्रह किया।

 सदन के कुछ दलों के नेताओं द्वारा सभापति के कक्ष में सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का बहिष्कार और विरोध की प्रथा पर अफसोस जताते हुए श्री धनखड़ ने कहामुझे अपनी पीड़ा साझा करने दीजिएमुझे अपना दर्द साझा करने दीजिए। सभापति जब सदन में माननीय सदस्यों से मिलने के लिए अनुरोध करते हैं तो उसे इस तरह मना किया जाना पहले कभी नहीं देखा गया। यह आचरण संसदीय मर्यादा को कमजोर करने वाला है। सदन के कुछ नेता यदि इस तरह सदन में सभापति का बहिष्कार करना चाहते हैंतो यह निश्चित रूप से एक स्वस्थ परंपरा नहीं है।

 इससे पहले आज विभिन्न राज्यसभा सदस्य जैसे सुधांशु त्रिवेदी और स्वाति मालीवाल ने यूपीएससी के एक कोचिंग सेंटर में हुई दुखद मृत्यु के मामले पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया। सभापति ने नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा की अनुमति दी क्योंकि संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू तो मामले को अति आवश्यक बताते हुए नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने के लिए तैयार थेलेकिन नेता प्रतिपक्ष श्री मलिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी दल नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने से असहमत थे। इसपर सभापति ने यह स्पष्ट किया कि नियम 267 के तहत किसी भी विषय पर तभी चर्चा की जाएगी जब सभी प्रमुख दल सहमत हों और पूरे सदन की आम सहमति हो।

Related posts

Compromising on nationalism is the ultimate betrayal to the nation, asserts the Vice-President

Nation News Desk

Himachal farmers to raise income through Natural farming practises

Nation News Desk

Bihar Land Survey: बंदोबस्त पदाधिकारियों को जमीन सर्वे को लेकर मिले ये निर्देश

Nation News Desk

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

error: Content is protected !!