चौरासी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
चौरासी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर परिसर में स्थानीय लोगों ने किया नृत्य
मणिमहेश यात्रा के साथ ही आरंभ हुए भरमौर जातर मेले में शाम को चौरासी मंदिर परिसर में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। साथ ही यहां पर वाद्य यंत्रों की धुनों पर पारंपरिक नृत्य करती महिलाओं व पुरूषों का नजारा देखते ही बन रहा है। बुधवार को हुई जातर भगवान कार्तिक को समर्पित रही। लिहाजा स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा में चौरासी मंदिर परिसर पहुंचे और इस दौरान घंटों यहां पर पारंपरिक नृत्य का दौर जारी रहा। उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त को चौरासी मंदिर परिसर स्थित देवदार के विशालकाय वृक्ष पर झंडा चढ़ाने की रस्म पूरी होते ही भरमौर जातर मेले का भी शुभारंभ हो गया था। पहली पारंपरिक जातर का आयोजन हुआ और यह भगवान शंकर को समर्पित रही। अगली जातर लखणा माता और फिर भगवान गणेश को समर्पित है। बुधवार की जातर माता शीतला को समर्पित रही। स्थानीय ग्रामीण बताते है कि हर दिन होने वाली जातर में अलग-अलग गांवों से लोग इसमें शामिल होते है और गददी समुदाय के महिला और पुरूष अलग-अलग समूह में पारंपरिक नृत्य करते है।
शिक्षा विभाग में कार्यरत कृष्ण चंद पखरेटिया बताते है कि भरमौर मेले की जातरों का सर्दियों से आयोजन होता चला आ रहा है और स्थानीय लोगों में भी इसको लेकर खासा उत्साह रहता है। उनका कहना है कि प्रतिदिन चौरासी स्थित दशनाम अखाडा से छडी यात्रा निकलती है और जिस मंदिर की जातर होती है छड़ी वहां तक जाती है। उधर, पांरपरिक जातर के दौरान हर शाम चौरासी में स्थानीय लोगों की खूब भीड उमड रही है और हर्षोल्लास के साथ यहां पर सर्दियों से चली आ रही परंपरा का निर्वाहन कर रहे है।