09 नवम्बर 2024
स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी-भाजपा-संघ बटेंगे तो कटेगे जैसे नारे व एक हो तो सेफ हो जैसे जुमले उछालकर पूरे देश में साम्प्रदायिक उन्माद, नफरत, बटवारे की राजनीति करके समाज में जहर घोलकर वोट हडपने का षडयंत्र रच रहे है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति ही सार्वजनिक सभाओं में नारे लगाएगा कि एक हो तो सेफ हो तो इसका साफ अर्थ है कि वे लोगों की सुरक्षा करने में अक्षम है। वहीं यह बताने की हिम्मत क्यों नही करते कि भारत के ही नागरिकों को देश के अंदर किससे खतरा है और एक हो तो सेफ हो का जुमला उछालकर किसके खिलाफ जहर उगलकर लोगों को भावनात्मक रूप से भडाकरकर उनकी वोट हडपने का षडयंत्र रच रहे है। जब देश का प्रधानमंत्री ही सत्ता दुरूपयोग से देश के नागरिकों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा करेगा, अप्रत्यक्ष रूप से साम्प्रदायिक उन्माद, नफरत, बटवारे की राजनीति करके समाज में विघटन पैदा करेगा तो फिर देश एक व सुरक्षित कैसे रह पायेगा? विद्रोही ने कहा कि वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सहित भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री, मोदी सरकार के मंत्री खुलेआम कह रहे है कि बटेंगे तो कटेंगे। पूरे देश में भाजपा इसी नारे के पोस्टर लगा रही है। संघ प्रमुख मोहन भागवत सार्वजनिक रूप से बटेंगे तो कटेंगे के नारे का खुलेआम समर्थन करके समाज को धर्मे के आधार पर बांटने का पाप कर रहे है। ऐसी स्थिति में समाज व देश में विघटनकारी शक्तियां मजबूत नही होगी तो क्या होगा? विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी-भाजपा-संघ की तिकडी सत्ता बल पर जिस तरह पूरे देश में साम्प्रदायिक जहर उगलकर वोट हडपने खातिर समाज को बाटकर दंगा का माहौल बना रहे है, वह सत्ता के भूखे भाजपाई-संघीयों को बेशक कुर्सी के नजदीक पहुंचा सकता है, लेकिन उनके इस जहरीले कुप्रयास से देश व समाज में जो टूटन पैदा होगी, उसकी खाई वर्षो तक नही भरेगी। विद्रोही ने भारत के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वोट हडपने के लिए जहर की खेती करने वाले मोदी-भाजपा-संघ उनके हितैषी, राष्ट्रभक्त कैसे हो सकते है, इस पर गंभीरता से चिंतन-मनन करे।