जानिए कैसे चाइल्ड हेल्पलाइन बच्चों के लिए बन रही मसीहा
पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे 27 बच्चों की काउंसिलिंग भी की, गायब सात बच्चों को ढूंढकर किया परिजनों के हवाले, शिक्षा ग्रहण कर बढ़ रहे आगे
बेशक परिजन अपने बच्चों को हर सुख-सुविधाएं और आदर्श ज्ञान देकर समाज का एक अच्छा नागरिक बनाने की राह को प्रशस्त करते हैं, लेकिन फिर भी कई ऐसे अभागे होते हैं जिन्हें रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं होता। ऐसे बच्चे भविष्य के उचित पथ से भटककर अपने जीवन को मुश्किलों के दौर में फंसा देते हैं। ऐसे ही बच्चों का सहारा हमीरपुर में चाइल्ड लाइन बनी है। चाइल्ड लाइन हमीरपुर ने न सिर्फ बच्चों की भीख मांगने की आदत को छुड़ाया बल्कि कई ऐसी जगहों पर अपनी कारगर भूमिका निभाई जहां बच्चे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। बच्चों की काउंसलिंग कर उनमें समाज का एक अच्छा नागरिक बनने का विश्वास पैदा किया। चाइल्ड लाइन के प्रयासों से आज कई बच्चे गलत राह को छोडक़र जीवन के सही पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। एक साल में चाइल्ड लाइन 133 बच्चों का सहारा बनी है। चाइल्ड लाइन हमीरपुर ने असहाय बच्चों के जीवन को सुखमय व करियर को बेहतर बनाने की दिशा में काबिले तारीफ काम किया है। स्कूलों से 35 ऐसे मामले सामने आए जिनमें बच्चे अध्यापकों की प्रताडऩा का शिकार हो रहे थे। ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करने के साथ ही अध्यापकों को भी अपने व्यवहार में सुधार की नसीहत दी है।
प्राप्त आंकड़े के अनुरूप चाइल्ड लाइन हमीरपुर ने भीख मांगते हुए 10 बच्चों को पकड़ा था। इन बच्चों के परिजनों को कार्यालय बुलाकर समझाया तथा बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया। आज बच्चे भिक्षावृति छोडक़र किताबी ज्ञान ले रहे हैं। वहीं बाल मजदूरी करते हुए भी तीन बच्चे पकडे गए