जैश-ए-मोहम्मद की गुप्त फंडरेजिंग का खुलासा, पाक में 313 नए आतंकी ठिकाने बनाने की साजिश
फिर सामने आया पाकिस्तान का नापाक चेहरा, जैश-ए-मोहम्मद की गुप्त फंडरेजिंग का खुलासा
पाकिस्तान की आतंक पर कथित कार्रवाई का सच एक बार फिर सामने आ गया है। भारत की खुफिया एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान की डिजिटल वॉलेट सेवाओं ईजीपैसा और सादापे के जरिए करीब 3.91 अरब रुपए (पीकेआर 391 करोड़) का फंड जुटाने का अभियान शुरू किया है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान में अपनी गतिविधियों को फैलाने के लिए गुप्त रूप से एक बड़े फंडरेजिंग अभियान की साजिश रची थी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, संगठन का मकसद पीकेआर 3.91 अरब रुपए जुटाकर पाकिस्तान भर में 313 नए मरकज (ट्रेनिंग कैंप और सुरक्षित ठिकाने) स्थापित करना था। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई तल्हा अल सैफ ने अभियान का नेतृत्व किया और समर्थकों से बढ़-चढक़र दान करने की अपील की। इसके लिए डिजिटल वॉलेट्स जैसे ईजीपैसा और सदापे का इस्तेमाल किया गया, ताकि लेन-देन को एफएटीएफ की निगरानी से बचाया जा सके। जांच में सामने आया कि ये डिजिटल वॉलेट्स मसूद अजहर के परिवार से जुड़े मोबाइल नंबरों पर रजिस्टर्ड थे, जिनमें उसके भाई तल्हा अल सैफ और बेटे अब्दुल्ला अजहर के नंबर भी शामिल थे।
इसके अलावा, हर शुक्रवार पाकिस्तान की मस्जिदों में गाजा के लिए चंदा बताकर नकद धन जुटाया गया, जबकि असल में ये रकम जैश की आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हुई। इसी दौरान अल रहमत ट्रस्ट, जो जैश से जुड़ा हुआ संगठन है, बहावलपुर स्थित एक बैंक खाते के जरिए भी धन इक_ा कर रहा था। यह ट्रस्ट खुद मसूद अजहर और उसके नजदीकी सहयोगी चलाते हैं। फंडरेजिंग अभियान के आगे बढ़ते ही जैश नेताओं ने खुलासा किया