टांडा मे TMC की लिफ्टें खराब, मरीजों के हाल बेहाल, एक लिफ्ट एक साल से बंद, दूसरी कई महीनों से रुकीं हुई है
रोगी-तीमारदार, स्टाफ को ऊपरी मंजिलों में जाने को रैंप का लेना पड़ रहा सहारा, एक लिफ्ट एक साल से बंद, दूसरी कई महीनों से रुकीं, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों को झेलनी पड़ रही ज्यादा दिक्कते
डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल की लिफ्टें काफी समय से खराब चल रही हैं। प्रदेश के दूसरे बड़े टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल की लिफ्टों का बार-बार रिपेयर के बाद भी खराब होना चिंतनीय विषय है। 2007 में शुरू हुए टांडा अस्पताल शायद नई लिफ्टों की मांग कर रहा है, जिसे बजट के अभाव में नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसका खामियाजा चलने-फिरने में असमर्थ, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को झेलना पड़ रहा है। हैरानी की बात है की एक लिफ्ट तो करीब एक साल से बंद पड़ी है और अन्य लिफ्टें कई महीनों से खराब चल रही हंै। प्रदेश के दूसरे बड़े अस्पताल में लिफ्टें खराब होने से यहां आने वाले छह जिलों चंबा, मंडी, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, और सबसे बड़े जिला कांगड़ा के मरीजों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। खराब लिफ्टों के ऊपर आउट ऑफ कंट्रोल शटडाउन फार मेंटिनेस का पर्चा चस्पां कर दिया गया है, जिसके कारण सबसे ज्यादा मुश्किलें चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को झेलनी पड़ रही हैं। मरीजों को धरातल से चौथी मंजिल सहित अन्य मंजिलों तक जाने के लिए वेंटीलेटर व व्हील चेयर को रैंप के सहारे लेकर जाना पड़ रहा है।
इन खराब लिफ्टों में एक मरीजों की तथा एक स्टाफ की लिफ्ट शामिल है । हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा नवनिर्मित ट्रामा सेंटर के उद्घाटन के समय भी लिफ्टें रुक गई थीं। जिसे उस समय नजर अंदाज कर दिया गया था,