दूध और पर्यावरण सेस से आएंगे 50-60 करोड़ रुपए
अगले महीने के बिल में जुडक़र आएंगे अतिरिक्त 10 पैसे प्रति यूनिट
125 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग महंगी होगी, नए एक्ट को मंजूरी के बाद आदेश जारी
हिमाचल प्रदेश में बिजली के बिल पर लगाए गए मिल्क सेस व पर्यावरण सेस से सरकार को करीब 50 से 60 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त धनराशि मिलेगी, क्योंकि अभी सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर इसे नहीं लगाया है, इसलिए उतना ज्यादा पैसा नहीं मिलेगा, परंतु जब 125 यूनिट फ्री बिजली एक ही मीटर पर उपभोक्ता को मिलेगी, तो फिर वे लोग भी इसे दायरे में आ जाएंगे, जो अभी तक 125 यूनिट फ्री बिजली का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग सबसे अधिक बढ़ेगी, जिसमें छह रुपए पर्यावरण शुल्क लगेगा। हिमाचल सरकार ने विधानसभा के मॉनसून सत्र में विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक को पारित किया था, जिसे राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित कर दिया गया है। अधिसूचना जारी होने के साथ इसे लागू कर दिया गया है और उपभोक्ताओं को अगले महीने के बिजली बिल में मिल्क सेस व पर्यावरण उपकर लगकर आएगा। मिल्क सेस के रूप में सरकार ने प्रति यूनिट 10 पैसे लगाने के आदेश जारी किए हैं। प्रति यूनिट 10 पैसे उपभोक्ताओं का बिल बढ़ेगा। इसे दुग्ध उपकर कहा जाएगा। इसमें साफ किया गया है कि जिन उपभोक्ताओं का शून्य बिल आता है, यानि 125 यूनिट फ्री बिजली ही इस्तेमाल करते हैं, उन पर यह उपकर नहीं लगाया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार 50 फीसदी से ज्यादा इसमें बढ़ोतरी भी नहीं कर पाएगी। इस राशि का उपयोग सरकार दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और दुग्ध उत्पादकों के उत्थान के लिए खर्च करेगी।