पहल्गाम आतंकी हमले की सुप्रीम कोर्ट ने की कड़ी निंदा, दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजलि– “यह कायराना हमला मानवता पर सीधा प्रहार है”
नई दिल्ली, 23 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में कल पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ी निंदा व्यक्त की है। अदालत ने इसे “निर्दोषों के खिलाफ की गई क्रूर और अमानवीय हिंसा” बताया, जो पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है।
आज सुप्रीम कोर्ट में पूर्ण पीठ (Full Court) की बैठक में इस हमले के खिलाफ एकमत से प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया:
“यह बर्बर कृत्य आतंकवाद की वह भयावह तस्वीर है जो मानवीय मूल्यों और जीवन की पवित्रता पर हमला करता है।”
न्यायालय ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि:
“हम निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिनका जीवन क्रूरता और अमानवीयता ने समय से पहले छीन लिया। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है और घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। पूरा देश इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।”
अदालत ने यह भी कहा कि कश्मीर, जिसे भारत का ‘क्राउन ज्वेल’ माना जाता है, वहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे पर्यटकों पर हमला, मानवता के मूल्यों पर हमला है, और इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, कोर्ट स्टाफ और रजिस्ट्री के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
यह कदम दिखाता है कि भारत की न्यायपालिका न केवल न्याय का प्रतीक है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के साथ खड़ी एक सशक्त संस्था भी है।
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