पहाड़ की सडक़ों पर दौड़ रही मौत, नौ महीने में 1546 हादसे, 593 की गई जान, 2426 घायल
प्रदेश में नौ महीने में 1546 हादसे; 593 की गई जान, 2426 घायल, मंडी में सबसे ज्यादा
प्रदेश की सडक़ों पर मौत दौड़ रही है। कहीं तेज रफ्तार, कहीं नियमों की अवेहलना तो कहीं खस्ताहाल सडक़ों से सडक़ दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। इस साल नौ माह में प्रदेश में 1546 हादसों में 593 लोग असमय मौत का ग्रास बन चुके हैं, तो 2426 लोग घायल हुए हैं। जिला मंडी और शिमला में सबसे अधिक सडक़ दुर्घटनाएं पेश आ रही हैं। इन दो जिला में सितंबर माह तक 200-200 से ज्यादा दुर्घटनाओं के मामले दर्ज हुए हैं। सितंबर माह तक जिला मंडी में जहां 203 सडक़ दुर्घटनाओं के मामले दर्ज किए गए वहीं शिमला में 238 रहा है। 167 दुर्घटनाओं के साथ जिला ऊना तीसरे और 160 के आंकड़े के साथ जिला कांगड़ा चौथे स्थान पर रहा है।
पांच जिला ऐसे रहे जहां हादसों का आंकड़ा 100 से कम रहा। जिला सिरमौर में 127, जिला कुल्लू में 116, जिला सोलन में 142 और जिला बिलासपुर में 106, जिला चंबा में 64, जिला हमीरपुर में 59 और जिला किन्नौर में 17 मामले सामने आए हैं। नूरपुर थाना क्षेत्र के तहत 61 और बीबीएन में सडक़ हादसों के 86 मामले सामने आए हैं। नौ माह के प्रदेश में चिंताजनक तौर पर हर माह औसतन दुर्घटनाओं के 170 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। बीते साल पहले आठ माह में सडक़ दुर्घटनाओं के 2030 मामले दर्ज हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि तेज गति से वाहन चलाने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। –
साल 2014 से लेकर 2018 तक प्रदेश में हर साल तीन हजार से ज्यादा सडक़ हादसे दर्ज किए गए, जबकि 2019 के बाद से यह ग्राफ तीन हजार से कम हुआ है। 2023 में प्रदेश में 2255 सडक़ दुर्घटनाएं हुई थी, जिनमें 869 लोगों की मौत हुई थी और 3209 घायल हुए थे। पिछले एक दशक के दौरान सबसे अधिक 3156 सडक़ हादसे 2016 मे