पांच दिसंबर तक जारी रहेंगी पाबंदियां, प्रदूषण पर राज्यों के ढुलमुल रवैये से सुप्रीम कोर्ट नाखुश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 को सही से लागू नहीं करने को लेकर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि हवा की गुणवत्ता के खतरनाक स्तर के बावजूद, ग्रैप-4 के तहत उल्लिखित उपायों के गंभीर क्रियान्वयन में कमी रही है, जो तब शुरू होता है जब वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर जाती है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 पाबंदियां गुरुवार, पांच दिसंबर तक लागू रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पहले देखना चाहता है कि प्रदूषण के स्तर में कितनी गिरावट आई है। ग्रैप-4 पाबंदियों के चलते निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित मजदूरों को मुआवजा देने में राज्यों के ढीले रवैये से कोर्ट नाखुश दिखा।
साथ ही दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई से जुडऩे को कहा। कोर्ट ने अपनी तरफ से नियुक्त कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट देख कर उनकी सुरक्षा पर चिंता जताई। कुछ कमिश्नरों ने बताया था कि दिल्ली के कई एंट्री प्वाइंट्स पर लाइट तक नहीं है। कुछ जगहों पर स्थानीय दबंग लोगों के ट्रक बेरोकटोक दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं। एक कोर्ट कमिश्नर को बाबा हरिदास नगर थाने के एसएचओ ने यह जानकारी दी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा।
आप चाहते हैं; हम सरकार चलाएं, हद है
दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के मुख्य सचिवों को आदेश का पालन नहीं करने को लेकर तलब किया