पालमपुर भू-विवाद ने खोली राजस्व विभाग की पोल, 20 परिवारों को पता ही नहीं चला कौन बेच गया उनकी जमीन
20 परिवारों को पता ही नहीं चला कब-कौन बेच गया उनकी जमीन, महंगे वाहनों के फर्जी पंजीकरण के बाद दूसरा सबसे बड़ा फ्रॉड
जमीन के मालिकों के पैर के नीचे से जमीन कैसे खिसकाई जा सकती है, भू घोटाले कैसे किए जा सकते हैं, रातों-रात जाली दस्तावेजों से जमीन कैसे बेची जा सकती है, राजस्व विभाग से सांठगांठ कैसे की जा सकती है, अगर किसी को जानना-सीखना हो तो पालमपुर उपमंडल से बढिय़ा कोई जगह नहीं है। 20 परिवारों को रातोंरात बेदखल करने के बाद पालमपुर का भू राजस्व विभाग एक बाद फिर चर्चा में है। यहां के बूनरी पटवार सर्किल के बनूरी खास में 1946 से गैर मौरूसी काबिज 20 परिवारों को 1972 में नए भू-काश्तकारी अधिनियम के तहत जमीन पर कब्जा हासिल हुआ।
इन परिवारों ने वहां घरबार बना कर गुजर बसर शुरू किया और अब तीसरी पीढ़ी रह रही है पर कुछ दिन पहले उनके पांव के नीचे से वह लगभग 100 कनाल जमीन रातोंरात खिसक गई। सूत्रों के साथ अब तो रिकार्ड भी दावा करने लग पड़ा है कि भू-मालिकों को बेदखल करने के लिए टेढ़े-मेढ़े भू-राजस्व कानून के साथ-साथ जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया है। 40 के दशक में यहां रही एक एनआरआई महिला के जाली मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा दाखिल खारिज (म्यूटेशन) न होने की त्रुटि का दुरुपयोग किया गया है। जमीन से बेदखल होने वालों में एक वार विडो भी है।
भूमि पर स्टे, कार्रवाई जारी
पालमपुर के तहसीलदार साजन बग्गा ने बताया कि यह जमीन का मामला नायब तहसीलदार की कोर्ट में करेक्शन के लिए लगा था। मामले के डिसाइड होने के बाद इसके उत्तराधिकारियों ने कुछ जमीन बेच दी थी। यह मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है। अब इस भूमि के बेचने पर स्टे लगा हुआ है। इस मामले की जांच अभी चल रही है।