पेट्रोल-डीजल वैट के पुराने केस भी सुलझेंगे
सरकार ने सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना को दी मंजूरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना 2025’ को मंजूरी दी है। इसका दायरा बढ़ाकर अब गैरसमाहित अधिनियमों के तहत मामलों को भी इसमें शामिल किया गया है, यानी अन्य कारोबारियों के साथ-साथ इसमें पेट्रोल व डीजल से जुड़े वैट के पुराने मामलों को भी शामिल किया गया हैं। जिन कारोबारियों ने समय पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया है, ऐसे लोगों को भी सरकार एकमुश्त पैसा चुकता करने में छूट प्रदान करेगी। इस नई योजना के तहत वित्त वर्ष 2017-18 तक के पेट्रोलियम उत्पादों से संबंधित वैट के मामलों का समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नई योजना से लगभग 3500 मामलों का समाधान होने की उम्मीद है।
जब प्रदेश में जीएसटी लागू नहीं था, वैट से संबंधित मामले उस समय के हैं। पिछले तीन-चार साल से सरकारें लंबित वैट की वसूली करने में जुटी हैं और कारोबारियों को कुछ रियायतें देकर उनसे पुराना टैक्स वसूल रही हैं। अब एक बार फिर सरकार ने नई योजना को लागू किया है। इससे लगभग 10 करोड़ रुपए का अनुमानित पुराना टैक्स प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू कहते हैं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार मुकदमों की संख्या कम करने और राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। टैक्स के लंबित मामलों और विवादों को सुलझाने के लिए राज्य ने अब तक तीन विरासत मामले समाधान योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से 48,269 लंबित मामलों का समाधान किया गया है, जिससे 452.68 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।