बजट में दिखेगा व्यवस्था परिवर्तन, सुक्खू सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बदलेगी फार्मेट
प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुक्खू सरकार बदलेगी फार्मेट
प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के ध्येय के साथ चल रही सुखविदंर सिंह सुक्खू सरकार के इस बार के बजट का फार्मेट भी बदला हुआ नजर आएगा। सरकार इस बार एनुअल प्लान की जगह डिवेलपमेंट और नॉन डिवेलपमेंट फार्मूले से बजट तैयार कर रही, जिससे कि सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश के विकास में कमी नहीं आए तथा कर्मचारियों और आम नागरिकों के हितों पर आंच भी न आए। इस साल राज्य सरकार ने अब तक एनुअल प्लान घोषित नहीं किया है और उम्मीद भी यही है कि इस बार बजट अलग फार्मूले से बनेगा। सामान्य तौर पर विधायक प्राथमिकता बैठक में ही एनुअल प्लान का आकार तय हो जाता है। वर्तमान वित्त वर्ष में पिछले साल जनवरी में ही 9990 करोड़ का एनुअल प्लान तय हो गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया। राज्य सरकार दरअसल डिवेलपमेंट और नॉन डिवेलपमेंट फार्मूले से बजट बना रही है, इसलिए यह संभव है कि बजट का कुल आकार और पूंजीगत व्यय की धनराशि में भी बदलाव हो। वर्तमान वित्त वर्ष के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 फरवरी, 2024 को अपना बजट प्रस्तुत किया था।
यह 58,444 करोड़ रुपए का था। इसमें 4514 करोड़ का राजस्व घाटा और 10784 करोड़ का राजकोषीय घाटा बताया गया था। अतिरिक्त राजस्व कमाने के राज्य सरकार के कड़े फैसलों के बावजूद अंतिम तिमाही में लोन कम पड़ गया है और वेतन तथा पेंशन देने के लिए भी संकट है, इसलिए अगले बजट में कुछ नए कदम उठाए जा सकते हैं। भारत सरकार ने कई वर्ष पहले प्लानिंग कमीशन को खत्म कर नीति आयोग का फार्मूला ले लिया है, लेकिन हिमाचल में राज्य सरकारें इसके बाद भी एनुअल प्लान बना रही थीं, ताकि बजट का ढांचा तैयार हो जाए।