भांग-अफीम की खेती पर नपेंगे पंचायत प्रधान, जानकारी छिपाने पर होगी FIR, इनपर भी कसेगा शिकंजा
जानकारी छिपाने पर होगी एफआईआर, पटवारी-फोरेस्ट गार्ड पर भी कसेगा शिकंजा
हिमाचल की पंचायतों में भांग और अफीम की खेती पाई गई , तो अब पंचायत प्रधानों को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। जानकारी छुपाने पर पंचायत प्रतिनिधियों पर एफआईआर हो सकती है। पटरवारी और फोरेस्ट गार्डों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। यदि कोई सरकारी अधिकारी, पंचायत प्रधान, उपप्रधान, सदस्य, सचिव, पटवारी, कानूनगो या वन विभाग का फोरेस्ट गार्ड या बीट अधिकारी अवैध खेती की जानकारी छिपाता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हिमाचल पुलिस द्वारा पकड़े गए अवैध भांग की खेती के मामले बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में मलकियत भूमि पर भांग की खेती की जा रही है।
इससे यह साफ होता है कि पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारी जानकारी को छुपाते हैं। नशे के खिलाफ विभाग और प्रदेश सरकार ने अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए अब एफआईआर करने का बड़ा ऐलान कर दिया है। प्रशासन ने साफ चेतावनी दी है कि भांग और अफ ीम की अवैध खेती की जानकारी छुपाने वालों को सीधे जेल की हवा खानी पड़ेगी। एनडीपीएस एक्ट की धारा 47 और 32 के तहत जानकारी छूपाने वाले अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि के खिलाफ सीधी एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई होगी।
भांग के पौधे करेंगे नष्ट
सितंबर के दूसरे पखवाड़े से पंचायत स्तर पर भांग उन्मूलन अभियान शुरू किया जाएगा। सरकारी परिसरों और भूमि पर स्वाभाविक रूप से उगे भांग के पौधों को उखाडक़र पूरी तरह नष्ट किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इन पौधों की मौजूदगी ही युवाओं को नशे की आदत की ओर धकेल रही है। उपायुक्त मंडी आईएएस अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रशासन नशे के खिलाफ