भाजपा के काम रोको प्रस्ताव पर तकरार, विपक्ष के विधायकों ने लगाए गंभीर आरोप
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तपोवन में तपिश
विपक्ष के विधायकों ने लगाए गंभीर आरोप
हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के सातवें सत्र के तहत धर्मशाला के तपोवन में पहले दिन खूब हलचल देखी गई। विपक्ष की ओर से नियम-67 स्थगन प्रस्ताव काम रोको प्रस्ताव के तहत सरकार के दो साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर लाया गया। इसके चलते पहले दिन बुधवार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तपोवन सदन में ख्ूाब तपिश देखने को मिली। सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व पूर्व सीएम एवं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर में चर्चा के बीच ही खूब तकरार भी कई मुद्दों पर देखने को मिली। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को कई बार मामले को शांत करवाना पड़ा।
विपक्ष की ओर से सरकार के दो साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए। दूसरी ओर सत्तापक्ष की ओर से पूर्व भाजपा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के मामलों को सदन में उछाला गया। धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बुधवार को प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों की ओर से नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव (काम रोको प्रस्ताव) श्रीनयना देवी के विधायक रणधीर शर्मा, चौपाल के बलबीर सिंह वर्मा व बंजार से सुरेंद्र शौरी ने रखते हुए दो साल में हुए भ्रष्टाचार पर चर्चा मांगी, जिसे मुख्यमंत्री सुक्खू की हामी पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से स्वीकृति प्रदान की गई।
श्रीनयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा ने वर्तमान सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक्साइज पॉलिसी, शोंगटोंग प्रोजेक्ट, नादौन के जमीन घोटाले आदि का मुद्दा उठाया।
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