भुण्डा महा यज्ञ : दलगांव भुंडा महायज्ञ का देव मिलन के साथ आगाज
रोहडू के विख्यात बकरालू महाराल मंदिर में पारंपरिक देवधुनों और अस्त्र-शस्त्रों के साथ नाटी डालते पहुंचे देवता
लंबे इंतजार के देवता बकरालू महाराल दलगांव के भुंडा महायज्ञ का गुरुवार को ऐतिहासिक देव आस्था के साथ देवमिलन के रूप में शुभारंभ हुआ। प्रदेश के सबसे बड़े देव अनुष्ठान में मंडलगढ़ क्षेत्र के पांच लंबरदारी के अराध्य देवता ब्रौंद्रा महाराज, समरेरी क्षेत्र के प्रमुख देवता महेश्वर महाराज व खशकंडी, गुम्मा व अंद्रेवठी से देवता परशुराम अपने हजारों देवलुओं के साथ पारंपरिक देवधुनों व अस्त्र शस्त्रों के साथ आस्था में नाटी डालते हुए मंदिर परिसर में बारी-बारी पहुंचे। इसके बाद देवता बकरालू व एकटांगा महाराज ने सभी मेहमान देवताओं व खुंदो का स्वागत किया। वहीं सभी देवताओं ने परशुराम से विधिवत मिलन व मेजबान देवता बकरालू महाराज से मिलन की अटूट परंपरा को निभाया।
इस दौरान मंदिर परिसर व इसके आसपास एक लाख से अधिक आस्थावान भक्त इस भव्य देव मिलन के साक्षी बने। पांच घंटे के पैदल सफर कर दलगांव पहुंचे खुंद अपने-अपने कुलदेवता के साथ भुंडा महायज्ञ में शामिल होने वाले तीन खूंद व बटोली अपने देवता की पालकी से साथ जयकारों व ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते गाते मंदिर प्रांगण मे ंपहुंचे। इस दौरान सभी देवताओं ने देवता बकरालू से मिलन की पंरपरा निभाने के बाद अपने-अपने डेरो के लिए प्रस्थान किया। जयकारे की गूंज से पूरे दलगांव को देवमयी कर लिया। इस अनुष्ठान के आगामी तीन दिन में दूसरे दिन शिखा फेर, तीसरे दिन खास रस्म बेडा व अंतिम दिन उछड़-पाछड के साथ संपन्न होना है।
देवलुओं के साथ भरे कदम
देव आस्था व रीति रिवाज के मुताबिक कई किलोमीटर दूर से आने वाले खुंदों ने यहां पहुंचने के लिए पैदल