मणिपुर में चलेगा ऑपरेशन आलआउट, हिंसा फैलाने वालों पर कार्रवाई को भेजीं CAPF की 50 कंपनियां
मणिपुर में शनिवार रात से भडक़ी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। जिरिबाम जिला में एक मैतेई प्रदर्शनकारी की पुलिस की गोली से मौत के बाद हालात और खराब हो गए हैं। इसे देखते हुए राज्य के स्कूलों में दो दिन के लिए छुट्टी कर दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन सोमवार को राज्य के सुरक्षा हालात का रिव्यू किया और हालात पर काबू पाने के लिए सेंट्रल आम्र्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की 50 कंपनियां (पांच हजार जवान) मणिपुर भेजने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार, इस बार विद्रोहियों और हिंसक वारदातों में शामिल लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार ने इस बार ऑलआउट एक्शन प्लान का मसौदा तैयार किया है। मणिपुर में 24 घंटे का ऑपरेशन शुरु किया जाएगा। हिंसक वारदातों में शामिल लोगों को उनके ठिकानों से बाहर निकाला जाएगा। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में अद्र्धसैनिक बलों के 2500 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी। केंद्रीय बलों की 20 कंपनियों में से सीआरपीएफ की 15 और बीएसएफ की पांच कंपनियां शामिल थीं। अब बच्चों व महिलाओं सहित छह लोगों मौत के बाद सीएपीएफ की पचास अतिरिक्त कंपनियां मणिपुर भेजी गई हैं।
इसके बाद मणिपुर में सेना, लोकल पुलिस और केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों के जवानों की संख्या लगभग एक लाख के पार पहुंच जाएगी। ऑलआउट एक्शन प्लान तैयार के तहत विद्रोहियों को उनके ठिकानों पर दबिश देकर दबोचा जाएगा। इस मामले में केंद्रीय खुफिया एजेंसी की बड़ी मदद ली जा रही है। मणिपुर में कितने सशस्त्र समूह सक्रिय हैं, उनके पास कौन से हथियार हैं, छिपने का ठिकाना और म्यांमार से लगते सीमावर्ती इलाकों में उनकी पहुंच, ये सभी जानकारी जुटा ली गई है।