मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी शिमला में ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण किया
आईजीएमसी में दो छात्रावास बनाने के लिए 5-5 करोड़ रुपये की घोषणा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला में 33 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रदेश के पहले ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एम्ज दिल्ली के समान आधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रॉमा संेटर की स्थापना से प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सुदृढ़ होंगी और आपात परिस्थितियों में मरीजों की बेहतर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित होगी। यह केंद्र मरीजों की देखभाल के लिए उन्नत मशीनरी और आधुनिक तकनीकयुक्त बिस्तरों की सुविधा प्रदान करेगा। इस ट्रॉमा सेंटर में 30 समर्पित चिकित्सक, 80 नर्संे, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशीयन तैनात किए गए हैं जो मरीजों को चौबीसों घंटे स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने इसके उपरांत आईजीएमसी में तीन दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम स्टिमुलस-2024 के समापन समारोह में भाग लिया और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में गहरी रूची दिखाई। उन्होंने विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये की अनुदान राशि देने कीघोषणा की और कहा कि प्रदेश सरकार आईजीएमसी के स्नातक चिकित्सकों के लिए दो छात्रावासों के निर्माण के के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये प्रदान करेगी जिनका निर्माण 18 माह की अवधि के भीतर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आईजीएमसी परिसर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। यहां लैक्चर थिएटर निर्माण के समयबद्ध निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रथम चरण में आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज को एक वर्ष के भीतर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इसके उपरान्त राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले एक वर्ष में आईजीएमसी के लिए विभिन्न श्रेणियों के 720 पद स्वीकृत किए हैं। सरकार एमडी तथा वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए वॉक-इन साक्षात्कार आयोजित करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा चिकित्सकों के अतिरिक्त 200 नए पद शीघ्र ही जल्दी भरे जाएंगे। चिकित्सक-मरीज व चिकित्सक-नर्स अनुपात के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए और अधिक भर्तियां की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में 27 करोड़ रुपये की लागत से एक उन्नत एमआरआई थ्री-टेस्ला मशीन स्थापित की जाएगी। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी उपकरण और सीटी स्कैन मशीनों की खरीद के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में 20 करोड़ रुपये लागत की पीईटी स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी। राज्य सरकार ने चिकित्सा उपकरणों की खरीद को सुव्यवस्थित करने के लिए एम्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के बजट में परिलक्षित 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार सभी सरकारी विभागों को प्रौद्योगिकी के साथ आधुनिक बनाने के प्रयास कर रही है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाना शामिल है, जिसमें छह महीने के भीतर स्पष्ट सुधार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य का लक्ष्य 31 मार्च, 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनना है।
इससे पहले मीडिया से बाचतचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष की आलोचना की और भाजपा को ‘बड़ी झूठी पार्टी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता झूठ बोलने में पीएचडी हैं, क्योंकि वे हर दिन नए झूठ का प्रचार करते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने अपने 20 महीने के कार्यकाल में कोई नया कर नहीं लगाया है। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि शायद हमें झूठ बोलने पर कर लगाना चाहिए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल, एचपीटीडीसी के अध्यक्ष आरएस बाली, विधायक हरीश जनारथा, महापौर सुरेंद्र चौहान, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।