रेगुलर होते ही बनेंगे सरकारी कर्मचारी, विधानसभा में नया कानून लाई सरकार
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विधानसभा में नया कानून लाई सरकार, 2003 से प्रभावी होगा
कोर्ट से पड़ रही वित्तीय देनदारी और लिटिगेशन बढऩे के कारण हिमाचल सरकार ने कांट्रेक्ट या नॉन रेगुलर कर्मचारियों को लेकर विधानसभा में एक नया कानून लाया है। हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधायक-2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में प्रस्तुत किया। इसे चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। नए कानून के बिल में कुल 12 धाराएं हैं। इसमें राज्य सरकार यह प्रावधान करने जा रही है कि वर्ष 2003 से अब तक नियुक्त किए गए संविदा यानी कांट्रेक्ट कर्मचारियों पर रेगुलर नियुक्ति वाले प्रावधान लागू नहीं होंगे, न ही ये इन्हें क्लेम कर पाएंगे। यह नया कानून कहता है कि संविधान के अनुच्छेद 309 के अधीन सिर्फ रेगुलर कर्मचारी आते हैं और नॉन रेगुलर कर्मचारी पर ये सेवा शर्तें लागू नहीं होती। इस बिल के उद्देश्यों और कारणों में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर समझ जाने की सूरत में न केवल राजकोष पर बहुत बड़ा बोझ डलेगा, बल्कि सुव्यवस्थित चल रही व्यवस्था भी बिगड़ जाएगी।
हिमाचल में 2003 से कांट्रेक्ट की नियुक्तियां चल रही हैं और इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समरूप समझ जाना पिछले 21 वर्षों से अधिक समय की वरिष्ठता को भी डिस्टर्ब करेगा। कांट्रेक्ट पर नियुक्त कर्मचारी नियुक्ति के समय जागरूक थे और संविदा सेवा की अवधि के लिए वरिष्ठता और अन्य सेवा लाभों के हकदार नहीं थे। ऐसे व्यक्तियों ने कांट्रेक्ट साइन करके इन शर्तों को स्वीकार भी किया था।