वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने और क्या-क्या कहा
वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने और क्या-क्या कहा
उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि अंतिम निर्णय आने तक इसके कुछ प्रावधानों पर रोक रहेगी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने संबंधित कानून के संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित किया। पीठ ने 22 मई को उस कानून के विभिन्न प्रावधानों पर रोक लगाने की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए वक्फ के लिए संपत्ति समर्पित करने के लिए 5 साल तक इस्लाम का पालन करने के मानदंड के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी
वक्फ पर शीर्ष अदालत के यह फैसले
शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को वक्फ के रूप में संपत्ति समर्पित करने से पहले पांच वर्षों तक मुस्लिम होना आवश्यक है।
धारा 3(आर), इस अनिवार्यता पर तब तक रोक रहेगी, जब तक कि राज्य (सरकार) द्वारा यह जांचने के लिए नियम नहीं बनाए जाते कि व्यक्ति मुस्लिम है या नहीं।
न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसे किसी नियम/तंत्र के बिना, यह प्रावधान मनमाने ढंग से सत्ता का प्रयोग करेगा।
अदालत ने कहा कि कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्यायनिर्णयन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा।