वन नेशन-वन इलेक्शन’ से देश को क्या होगा फायदा? सांसद कंगना रनौत ने दिया जवाब
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों समेत सभी चुनावों को एक साथ करवाने का रास्ता अब साफ हो गया है। मोदी कैबिनेट ने एक राष्ट्र एक चुनाव बिल को आज मंजूरी दे दी है। सरकार इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश कर सकती है। सरकार के इस फैसले पर कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी।
बार-बार चुनाव से सरकारी खजाने पर पड़ता है असर: कंगना
कंगना रनौत ने कहा, “एक राष्ट्र एक चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हर 6 महीने में चुनाव कराने से सरकारी खजाने को काफी नुकसान होता है। सबसे बड़ी चुनौती कि लोगों को पांच साल में कई बार अलग-अलग चुनाव के लिए वोटिंग करनी पड़ती है। वोटिंग प्रतिशत लगातार कम होती जा रही है, जो कि चिंता का विषय है।
जानकारी के मुताबिक, बिल पर व्यापक चर्चा के लिए सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है। बिल का उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है।
सरकार का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से धन और समय की बचत होगी। प्रशासनिक व्यवस्था पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा। बार-बार चुनावी ड्यूटी की वजह से सरकारी कर्मचारियों को आने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।
इस मामले पर समिति की अध्यक्षता करने वाले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि केंद्र सरकार को आम सहमित बनानी होगी। यह मुद्दा किसी किसी दल के हित में नहीं है, बल्कि देश के हित में है। यह देश में बड़ा बदलाव लाएगा।
इसे लागू होने की वजह से देश की जीडीपी में 1 से लेकर 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को रेखांकित किया था। पीएम मोदी भी कई बार वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं।