स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उनके मंत्रीयों, संतरियों, नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों के लाख दमगज्जों के बाद भी रबी फसल की बिजाई के लिए किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद नही मिल रहा है और न ही 24 घंटे में सरकारी खरीद फसल का पैसा उनके बैंक खातों में आ रहा है। विद्रोही ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम आये 17 दिन हो गए है, फिर भी भाजपा सरकार अपने दावों के अनुरूप किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद उपलब्ध नही करवा पा रही है। अहीरवाल व दक्षिणी हरियाणा में सरसों की बिजाई जोरो पर है और गेंहू की बिजाई के लिए खेतों की जुताई चल रही है, पर किसान को पर्याप्त डीएपी खाद अभी भी नही मिल रही है। यहीं स्थिति हरियाणा के अन्य क्षेत्रों की है। सवाल उठता है कि जब सरकार किसानों को पर्याप्त खाद ही उपलब्ध नही करवा पा रही है, तब रबी फसल की बिजाई सुगमता से कैसे होगी? वहीं बिना खाद की बिजाई करने पर सरसों व गेंहू का उत्पादन कम होना भी तय है।
विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री किसान हितैषी होने का ढोंग करके लम्बे-चौडे जुमले तो उछालते है, लेकिन जो कहते है उसे जमीन पर उतारने के लिए कुछ नही करते। वहीं तीसरी बार हरियाणा में भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री, मंत्रीयों, विधायकों व भाजपा नेताओं का सत्ता अंहकार चरम पर है। जब कांग्रेस-विपक्ष किसान के पक्ष में आवाज उठाता है तो भाजपा कांग्रेस का मजाक उडाकर किसान समस्याएं होने से ही नकारकर किसानों के साथ क्रूर मजाक कर रही है। सवाल उठता है कि जब जीत के अंहकार में भाजपा सरकार प्रदेश में किसान, मजदूर व आमजन के सामनेे कोई समस्या है, यह मानने को ही तैयार ही नही, तब उसका समाधान क्या खाक करेगी? वहीं विद्रोही ने आमजनों व किसानों से पूछा जातिय धु्रवीकरण की राजनीति के अनुसार वोट करने से उन्हे क्या मिला? भाजपा सरकार द्वारा पर्याप्त खाद उपलब्ध न करवाने के चलते जिन किसानों व क्षेत्रों से मतदाताओं ने झोली भर-भर वोट दिया है, क्या वे किसान खाद की कमी से परेशान नही है? किसान व जनविरोधी भाजपा को हरियाणा में तीसरी बार जिताकर मतदाताओं ने भाजपा नेताओं के सत्ता अंहकार को आसमान पर चढ़ा दिया, उसका खामियाजा देर-सवेर प्रदेश के हर वर्ग, हर क्षेत्र व हर नागरिक को भुगतना होगा।