शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान ने की आत्महत्या, परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से किया मना
मांगें पूरी होने तक अंतिम संस्कार नहीं करेगा परिवार
45वें दिन भी जारी रहा डल्लेवाल का अनशन
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गुरुवार को एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों ने बताया कि गुरुवार सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिला के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि रेशम शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से इसका समाधान न निकालने से नाराज था। रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर और बेटे इंद्रजीत सिंह ने बताया कि परिवार ने फैसला किया है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक रेशम सिंह का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
उधर, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरां ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले रेशम सिंह की कुर्बानी भुलाई नहीं जा सकती। किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा, सामूहिक कर्ज माफी और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। उधर, खनौरी बॉर्डर पर लगातार 45वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी रहा। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, डल्लेवाल के टेंट के पास गीजर फटने से एक किसान झुलस गया। उसे पटियाला के समाना स्थित सरकारी अस्पताल में लाया गया। उसके हाथ और पैर झुलसे हैं। किसान की पहचान गुरदयाल के रूप में हुई है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया आंदोलन को समर्थन
मोगा में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत की गई। इसमें फैसला लिया गया है