सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण पर हाई कोर्ट सख्त, सभी विभागों को दिए यह निर्देश
प्रदेश उच्च न्यायालय के सभी विभागों को निर्देश, किसी को भी न करने दें कब्जा
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने किसी भी किस्म की सरकारी भूमि को अवैध कब्जा मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार के सभी विभागों व प्राधिकरणों के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने विशेष रूप से राजस्व, वन विभाग के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि भविष्य में बेदखल किए जा चुके अतिक्रमणकारियों सहित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सरकारी वन भूमि, सार्वजनिक सडक़ों व सार्वजनिक रास्तों पर कोई नया अतिक्रमण न हो।
कोर्ट ने वन रक्षक, पटवारी और कार्य निरीक्षक को आदेश दिए कि वह अपने संबंधित बीट, क्षेत्र, अधिकार क्षेत्र में सरकारी, वन भूमि, सार्वजनिक सडक़ व सार्वजनिक रास्ते पर सभी मौजूदा और किसी भी नए अतिक्रमण की सूचना संबंधित डिप्टी रेंजर, कानूनगो व कनिष्ठ अभियंता को दें और ऐसी सूचना की प्रति संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व सहायक अभियंता को बिना किसी देरी के भेजें। इसके अलावा अधिकारी को अतिक्रमण हटाने को कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि सरकारी, वन भूमि व सार्वजनिक सडक़ को बचाया जा सके।
कानून में उपयुक्त परिवर्तन करे सरकार
कोर्ट ने प्रत्येक वर्ष जून और दिसंबर महीने के अंतिम तीन कार्य दिवसों के दौरान अतिक्रमण के पता लगाए नए मामलों की संख्या, उन पर की गई कार्रवाई, पिछले लंबित मामलों की स्थिति के संबंध में अपनी अद्र्धवार्षिक रिपोर्ट अपने अगले वरिष्ठ अधिकारी को प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए।