सरकार खुद विकसित करेगी ईको टूरिज्म साइट्स, छह को मंजूरी के साथ 50 साइट्स पर शुरू हुआ काम
छह को मंजूरी के साथ 50 साइट्स पर शुरू हुआ काम, एफसीए हटने के बाद अब केंद्र को फाइल भेजने की जरूरत नहीं
हिमाचल में ईको टूरिज्म साइट को अब वन विभाग खुद विकसित करेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ईको टूरिज्म की 50 साइट्स को विकसित करने पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने इससे पहले छह टूरिज्म साइट्स को मंजूरी दी है और अब आगामी प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो गया है। फोरेस्ट क्लियरेंस के दायरे से इन साइट्स के बाहर निकलने के साथ ही अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत नहीं है, जबकि इससे पहले एफसीए की वजह से बड़ी संख्या में मामले फंस रहे थे। वन विभाग ने अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास फाइल भेज दी है। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इस फाइल पर अपनी सहमति देंगे और इसके बाद वन विभाग में आगामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में फोरेस्ट क्लियरेंस एक्ट(एफसीए) से बाहर होने के बाद अब आगामी 50 साइट का काम जल्द शुरू होने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि इन सभी प्रोजेक्ट पर तमाम विभागीय औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अंतिम फैसला ईको टूरिज्म सोसायटी को करना है। सोसायटी ने बीते दिनों छह प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी और इन प्रोजेक्ट का निर्माण अब अंतिम दौर में है। गौरतलब है कि इन विश्राम गृह को विकसित कर उन्हें होटल की तर्ज पर किराए पर दिया जाएगा। वन विभाग इन विश्राम गृह में खाने से रहने तक की व्यवस्था को आउटसोर्स करने जा रहा है। इसके लिए जिस क्षेत्र में वन विभाग के विश्राम गृह को विकसित किया जाएगा। उसी क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाए जाएंगे। खास बात यह है कि होटल में तबदील होने जा रहे वन