सरकार ने दिल्ली भेजे फोरेस्ट के 50 प्रोजेक्ट, ईको टूरिज्म साइट विकसित करने की है तैयारी
हकीकत में बदलेगी मुख्यमंत्री सुक्खू की सोच, ईको टूरिज्म साइट विकसित करने की तैयारी
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार पर्यटन को आमदनी का बड़ा माध्यम बनाने की दिशा में और आगे बढ़ी है। प्रदेश सरकार ने ईको टूरिज्म के 50 बड़े प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के सुपुर्द कर दिए हैं। अब केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय इन प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति देगा। केंद्र की सहमति के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों में चयनित इन सभी साइट को वन विभाग विकसित कर पाएगा। जिन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई है, उनमें ज्यादातर वन विभाग के विश्राम गृह हैं। इन विश्राम गृह को विकसित कर उन्हें होटल की तर्ज पर किराये पर देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री खुद कई बार बोल चुके हैं कि प्रदेश का कोई भी विश्राम गृह सफेद हाथी नहीं, बल्कि प्रदेश के लिए आय जुटाने का माध्यम होगा। वन विभाग इन विश्राम गृह में खाने से रहने तक की व्यवस्था को आउटसोर्स करने जा रहा है। इसके लिए जिस क्षेत्र में वन विभाग के विश्राम गृह को विकसित किया जाएगा, उसी क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाए जाएंगे। खास बात यह है कि होटल में तबदील होने जा रहे वन विभाग के विश्राम गृह में खाना बनाने वाले, सफाई कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी सभी आउटसोर्स पर भर्ती होंगे।
हिमाचल में अभी तक आधा दर्जन ईको टूरिज्म साइट को विकसित करने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 50 साइट पाइपलाइन में हैं। इन प्रोजेक्ट को केंद्र की मंजूरी मिलने के ठीक बाद ईको टूरिज्म सोसायटी इन्हें संचालित करने के आदेश जारी करेगी। फिलहाल केंद्र और हिमाचल सरकार के बीच ईको टूरिज्म में सेतु का काम कर रहे वन विभाग ने इन प्रोजेक्ट को शुरू करने पर अंदर