सावन माह में भोले शंकर की भक्ति में रंगा कुनिहार जनपद।
अमृत काल मे शिव महापुराण का आनन्द ले रहे भक्त जन।
कुनिहार से हरजिन्दर ठाकुर की रिपोर्ट:-
2 अगस्त को सावन माह की शिव रात्रि जैसे जैसे नजदीक आ रही है,वैसे वैसे कुनिहार जनपद भी भोले की भक्ति रस में डूबती जा रही है।कुनिहार क्षेत्र से जंहा कई युवा कावड़िये गंगोत्री गोमुख व हरिद्वार से कावड़ लेकर भोले की भक्ति में लीन नित्य कुनिहार की ओर पग बड़ा रहे है। करीब 450 किलो मीटर गंगोत्री व 300 किलोमीटर हरिद्वार से कुनिहार के कावड़िये निरन्तर भोले की जयकार करते हुए चल रहे है।सभी 2 अगस्त को कुनिहार पहुंचेगे।
भोले शंकर अपने प्रिय महीने सावन में निरन्तर जल बरसा कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते नजर आ रहे है ,तो वन्ही कुनिहार क्षेत्र में अमृत काल मे विभिन्न संस्थाओं द्वारा देश के प्रधानमंत्री के स्लोगन एक पौधा मां के नाम को साकार करते हुए लगाए गए हजारों पौधों को भी वरुण देव नित्य पानी से सींच रहे है।
कुनिहार जनपद के हाटकोट पंचायत के प्राचीन ठाकुर द्वारा मंदिर परिसर राजदरबार में शिव कावड़ सेवा समिति द्वारा आयोजित शिव महापुराण में आचार्य विक्रांत शर्मा जी अपनी मधुर वाणी से इस शिवमय माहौल को चार चांद लगा रहे है,तो वन्ही संघ के सदस्य विनोद भारद्वाज,राधा रमन शर्मा, सुरेंद्र कुमार कुनिहार क्षेत्र के भावी पीढ़ी को अपने सनातन को जीवंत रखने की प्रेरणा देते नजर आते है।
शिव महापुराण कथा में पंडित रमेश शर्मा जी द्वारा नित्य सुबह पार्थेश्वर शिवलिंग की सरंचना के पश्चात विधिवत पूजन ,दोपहर में शिव महापुराण कथा में आचार्य जी द्वारा शिव पूजन व भोले शंकर के जीवन पर मधुर व प्रेरक प्रसंग से भक्ति रस की बयार बहा कर जंहा सभी भक्तों को सावन माह में शिवमय गंगोत्री में स्नान करवा रहे है,तो वन्ही नित्य शाम को उत्तरायणी नदी गम्बर में पार्थेश्वर शिवलिंग के विसर्जन का नजारा,तो शिव भक्तों को शिव भक्ति का एक अलग ही अहसास करवाता नजर आता है। शिव भक्ति के ऐसे वातावरण में प्रतीत होता है,कि कावड़ संघ के सदस्यों सहित महिलाये व छोटे बड़े बच्चे भी अपने सनातन धर्म को मजबूत करते हुए जैसे अमृत काल मे शिव भक्ति में त्रिवेणी में डुबकी लगा कर अपने जीवन का उद्धार कर रहे हो।
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