सीएम सुक्खू बोले- ऋणी गरीब लोगों के लिए बदलेंगे सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति
विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल 11:00 बजे बिना किसी गतिरोध के शुरू हुआ। प्रश्नकाल में नए संस्थानों को खोलने के मामले में दोनों पक्षों में हल्की नोकझोंक हुई।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल 11:00 बजे बिना किसी गतिरोध के शुरू हुआ। सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा। विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट के मामले 10 लाख रुपये से ऊपर के कर्ज के लिए भी लागू रहेंगे। पिछली सरकार ने पॉलिसी लाई तो कुछ ने फायदा उठाया और कुछ ने लाभ नहीं उठाया। ऐसे लोग जिनका लोन 10 लाख रुपये या इससे ऊपर हो गया। गरीब लोग जो ऋणी हैं, उनके लिए विचार करेंगे कि उन्हें कैसे राहत मिले। यह नीति न केवल सहकारी बैंक बल्कि राज्य कृषि सहकारी बैंक में भी लागू होगी। रिजर्व बैंक आफ इंडिया और नाबार्ड के नियमों पर विचार करने के बाद सरकार बदलाव करेगी। उधर, प्रश्नकाल में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में लोन की वन टाइम सेटलमेंट का मामला उठाया। सत्ती ने पूछा कि जिनका रोजगार नहीं चला और जो मुसीबत में हैं और जिनके कुर्की के आदेश जारी हो गए हैं, क्या उन्हें राहत देने का विचार होगा।
हिमाचल में 42 फीसदी की दर से दिया जा रहा महंगाई भत्ता
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अपने कर्म