सुख की सरकार में किसी को भी सुख से नहीं बैठने दे रहे मुख्यमंत्री
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार ने ठान लिया है कि प्रदेश में कोई भी सुख से नहीं बैठेगा। इसलिए सरकार हर दिन ऐसा काम करती है कि लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएं। वर्तमान में प्रदेश के उद्योगों पर सरकार की नज़र टेढ़ी हुई है। जिसकी वजह से सब त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं। स्टील उद्योग से जुड़े लोग महीनों से फ़रियाद कर रहे हैं कि बिजली के बेतहाशा दाम बढ़ाकर सरकार उनपर जुल्म कर रही है, पड़ोसी राज्यों से ज़्यादा क़ीमत पर बिजली दे रही है, जिससे स्टील उद्योग तबाही की कगार पर पहुंच गया है। कई यूनिट्स बंद हो गईं हैं, इसलिए सरकार रहम करें। लेकिन व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार रहम कैसे करे? थक हार का उद्यमी कठोर फ़ैसला लेने की बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय पहुँचे स्टील उद्यमियों की बात मैं सुनी, उनका कहना है कि दो साल में सरकार ने इतने दाम बढ़ा दिए कि प्लांट चलाना मुश्किल हो गया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार जिस तरह से उद्योगों को टारगेट कर रही है वह प्रदेश के हित में नहीं हैं। जब सरकार ने उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योगपतियों को पड़ोसी राज्यों से सस्ती बिजली देने का वादा किया था तो सरकार उस वादे को कैसे तोड़ सकती है। यह दो तरफा संबंध है। कोई सरकार इस तरह से ‘स्टेट प्रोमिस’ को कैसे तोड़ सकती है। सरकार उद्योगों के लिए मुश्किल हालात उत्पन्न करने के पीछे क्या मंशा रखती है? वह उनसे क्या ‘अपेक्षा’ कर रही है, वह स्पष्ट करे। उद्योगों को नुकसान पहुँचाकर सरकार प्रदेश का भला नहीं कर रही है। उद्योगों से प्रदेश को भी बहुविध लाभ होता है। राजस्व अर्जित होता है। लाखों की संख्या में प्रत्यक्ष और उससे ज़्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होता है।