हमीरपुर मे पैरोल पर जेल से बाहर आए कैदी ने अपनी ही मौत की झूठी कहानी रच पुलिस को कई सालों तक दिया चकमा
पैरोल पर जेल से बाहर आए कैदी की ओर से अपनी ही मौत की झूठी कहानी रचकर और झूठे दस्तावेज बनाकर कई सालों से पुलिस को चकमा देने का मामला सामने आया है। हमीरपुर पुलिस के पीओ सेल ने वर्ष 2017 से उद्घोषित कैदी मनदीप सिंह को चंडीगढ़ से दबोचने में सफलता हासिल की है। एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने आज मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि पैरोल पर जेल से बाहर आए कैदी मनदीप पुत्र विशंभर दास गांव घुमारवी जिला हमीरपुर को पुलिस ने चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर लिया है। एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने बताया कि उक्त कैदी को हमीरपुर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 2013 में पैरोल पर जेल से बाहर आया था। इसी दौरान आरोपी ने भोरंज थाना के क्षेत्राधिकार में एक चोरी की वारदात को भी अंजाम दे दिया था। इसके बाद वर्ष 2017 में उक्त कैदी दोबारा पैरोल पर आया। इस दौरान उसने अपनी मौत की झूठी कहानी रची और झूठे दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग नाम-पते के साथ चंडीगढ़ में कई सालों से प्रवास कर रहा था। वहीं कई सालों से यह हमीरपुर की अदालत में उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था। एसपी ने बताया कि पुलिस उच्च अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन के बाद उद्घोषित अपराधी को चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है और हमीरपुर की अदालत ने पेश किया गया है, जहां पर पुलिस रिमांड दिया गया है। एसपी भगत सिंह ने बताया कि उद्घोषित अपराधी मनदीप की ओर से कोशिश की जा रही थी कि पुलिस के रिकाॅर्ड में मृत हो जाए। इसके लिए आरोपी अपना फर्जी आधारकार्ड बनाकर संजीव के नाम से चडीगढ़ में रह रहा था। उन्होंने बताया कि इस तरह का हिमाचल में यह पहला मामला बन गया है, जिसमें अपराधी ने खुद को मृत घोषित करने का प्रयास किया था