हायर एजुकेशन में होंगे बड़े बदलाव; मुख्यमंत्री सुक्खू बोले, बदलते वक्त के अनुसार बदलना होगा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कम एनरोलमेंट वाले डिग्री कालेजों को कुछ स्पेशलाइज्ड कोर्स जैसे स्पोट्र्स या आर्टस कालेज जैसा दर्जा दिया जाना चाहिए। हमें डिस्ट्रिक्ट लेवल कालेज मजबूत करने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्री को इस बारे में सोचना होगा कि कम एनरोलमेंट वाले कालेजों का क्या करना है। मुख्यमंत्री शिमला के होटल पीटरहाफ में देर शाम कालेज प्रिंसीपल कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी 55 कालेज ऐसे हैं, जिनमें 200 से कम छात्र हैं। इसके बारे में सोचने की जरूरत है। बंद होने वाले कालेज या स्कूलों के लिए राज्य सरकार ट्रांसपोर्ट अलाउंस या हॉस्टल अलाउंस देने पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन कालेजों में पद खाली हैं, वहां घंटों के आधार पर या पीरियड आधारित टीचर रखने की नीति पर विचार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या कम हो रही है। हमारी छात्र संख्या भी कम होगी। इस बदलाव के लिए हमें तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि कालेज प्रिंसीपल को और शक्तियां देंगे, ताकि वे संस्थान के हित में फैसला ले सकें। कालेज टीचर्स की एसीआर की प्रक्रिया भी बदल जाएगी। स्किल तथा रोजगार आधारित कोर्स समय की जरूरत हैं। इससे पहले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षक क्षेत्र में वर्तमान सरकार ने कई रिफॉर्म किए हैं और यह क्रम जारी है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने उच्च शिक्षा को रोजगार परक बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस कान्फ्रेंस में 138 डिग्री कालेजों के प्रिंसीप